चेहरे पर सनस्क्रीन लगाना सिर्फ एक कॉस्मेटिक प्रेक्टिस नहीं है ना ही ये स्किन की रंगत को काला होने से बचाने का एक तरीका है। अक्सर लोगों का मानना है कि सनस्क्रीन धूप में लगाकर जाने से स्किन पर धूप का असर कम होता है और स्किन काली नहीं पड़ती। हम सभी जानते हैं कि एक अच्छा सनस्क्रीन स्किन को सनबर्न से बचाता है। सूरज की हानिकारक किरणों के प्रभावों से स्किन की रक्षा करता है। अगर स्किन का धूप से बचाव नहीं किया जाए तो स्किन कैंसर और समय से पहले बुढ़ापा आ सकता है। हम दो प्रकार की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आते हैं। पराबैंगनी A (UVA) स्किन की उम्र बढ़ने से जुड़ा है। पराबैंगनी बी (यूवीबी) त्वचा की जलन और टैनिंग से जुड़ा है। यदि आप अपनी बॉडी के खुले अंगों पर हर दो घंटों में सनस्क्रीन नहीं लगाते तो आपको उतना ही जोखिम होगा जितना कि बिल्कुल नहीं लगाने पर होता है।

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में स्किन स्पेशलिस्ट डॉ डी एम महाजन ने बताया है कि स्किन पर पिग्मेंटेशन बहुत आसानी से दिख जाता है इसलिए हमें लैपटॉप के सामने काम करते समय सनस्क्रीन जरूर लगाना चाहिए। लंबे समय तक डिवाइस के सामने काम करने वाले रेडिएशन का आठ से 10 फीसदी हिस्सा हमारी स्किन सोख लेती है। यहां तक ​​कि एलईडी और कोई भी फ्लोरोसेंट रोशनी रेडिएशन का एक स्रोत है।

सनस्क्रीन लगाने की जरूरत कहां-कहां होती है?

सनस्क्रीन के बारे में ज्यादातर लोगों की गलत धारणा है कि हमें धूप में उसकी ज़रूरत होती है लेकिन आप जानते हैं कि इनडोर वातावरण में भी आपको सनस्क्रीन की जरूरत होती है। हमें दिन में आठ से दस घंटे लैपटॉप के सामने काम करते समय सनस्क्रीन लगाना चाहिए। लंबे समय तक डिवाइस के सामने काम करने वाले रेडिएशन का आठ से 10 फीसदी हिस्सा स्किन सोख लेती है। यहां तक ​​कि LED और कोई भी फ्लोरोसेंट लाइट रेडिएशन का एक स्रोत है।

पुराने एडिसन बल्ब विकिरण का सबसे कम स्रोत हैं। यहां तक ​​कि स्किन पर सरसों का तेल लगाने और धूप में रहने से भी स्किन द्वारा रेडिएशन का अवशोषण बढ़ जाता है। स्किन को नुकसान पहुंचाने वाले इन साइलेंट ट्रिगर्स के बारे में भी पता होना चाहिए। परफ्यूम भी सूरज की रोशनी को सोख लेते हैं, इसलिए बाहर निकलने से पहले उन्हें अच्छी तरह लगा लें।

लैपटॉप के सामने काम करते समय कौन सा और कितने SPF का सनस्क्रीन लगाना फायदेमंद है:

एक अच्छा सनस्क्रीन सूरज की UVA और UVB किरणों से बचाने की क्षमता रखता है। अगर आप घर के अंदर सनस्क्रीन लगाने की बात कर रहे हैं तो आपके सनस्क्रीन का एसपीएफ़ कम से कम 30 होना चाहिए। घर से बाहर के लिए यह एसपीएफ़ 60 या उससे ज्यादा होना चाहिए। हर दो घंटे में कोई भी सनस्क्रीन लगाएं, खासकर तब जब आपने स्किन से पसीने पोंछे हो। सनस्क्रीन स्किन पर लंबे समय तक नहीं रहता है, इसे दोबारा लगाने की जरूरत होती है।

क्या आपको सनस्क्रीन के लिए डॉक्टर की सलाह की जरूरत है?

संवेदनशील स्किन वाले लोग अपनी स्किन की जरूरतों के लिए स्किन स्पेशलिस्ट द्वारा सुझाई गई क्रीम का ही उपयोग करें। अगर आप दुकान से खरीदारी कर रहे हैं, तो कैमिकल सनस्क्रीन के बजाय भौतिक सनस्क्रीन को खरीदें,क्योंकि ये शरीर से दूर सूरज की रोशनी को परावर्तित करके त्वचा की बेहतर हिफ़ाजत करते हैं।