संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में हर साल लाखों छात्र शामिल होते हैं, लेकिन कुछ को ही सफलता मिलती है। हालांकि कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो पहले प्रयास में ही नया उदाहरण लिख देते हैं। ऐसी ही कहानी मध्य प्रदेश के खरगोन की रहने वाली गरिमा अग्रवाल की है, जिन्होंने हिंदी मीडियम से पढ़ाई कर इंजीनियरिंग की और फिर पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की और आईपीएस बन गईं, लेकिन वह यहीं नहीं रुकीं और एक और प्रयास किया और आईएएस बन गईं।
बचपन से पढ़ाई में थीं अच्छी
मध्य प्रदेश के खरगोन की रहने वाली गरिमा अग्रवाल शुरू से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थीं। गरिमा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई खरगोन के सरस्वती विद्या मंदिर से की और 10वीं में 92 फीसदी अंक हासिल किए। इसके बाद वह 12वीं में भी 89 फीसदी अंक हासिल करने में सफल रही।
इंजीनियरिंग के बाद जर्मनी में इंटर्नशिप
12वीं के बाद गरिमा अग्रवाल ने जेईई परीक्षा में सफलता हासिल की और आईआईटी हैदराबाद में दाखिला लिया। आईआईटी से इंजीनियरिंग करने के बाद गरिमा ने जर्मनी में इंटर्नशिप की, लेकिन उन्हें विदेश में नौकरी नहीं मिली और उन्होंने देश आकर यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का फैसला किया।
पहले प्रयास में ही बनीं IPS अफसर
जर्मनी से लौटने के बाद गरिमा अग्रवाल ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और करीब डेढ़ साल की तैयारी के बाद परीक्षा दी। उसने अपने पहले ही प्रयास में वर्ष 2017 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 240 वीं रैंक हासिल की और आईपीएस के लिए चुनी गई।
IPS के बाद IAS का सफर कुछ इस तरह तय हुआ
IPS बनने के बाद भी गरिमा अग्रवाल संतुष्ट नहीं हुईं और UPSC परीक्षा की तैयारी जारी रखीं। प्रशिक्षण के साथ-साथ, उन्होंने हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकादमी में पढ़ना जारी रखा। अगले ही साल 2018 में उन्होंने दूसरी बार परीक्षा दी और अपने दूसरे प्रयास में 40वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने के अपने सपने को पूरा किया।
वर्तमान में तेलंगाना में है तैनाती
गरिमा अग्रवाल ने वर्ष 2019-2020 में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी से अपना प्रशिक्षण पूरा किया। गरिमा अग्रवाल वर्तमान में तेलंगाना में सहायक जिला मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गरिमा अग्रवाल ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी अलग-अलग नहीं की, बल्कि एक साथ की थी। उन्होंने बताया कि केवल स्टडी मटेरियल जमा करने से सफलता नहीं मिलती, बल्कि रिवीजन करना पड़ता है। इसके साथ ही उत्तर लेखन की गति बढ़ाना और मॉक टेस्ट देना भी जरूरी है।
प्री-एग्जाम, मेन और इंटरव्यू के लिए अलग-अलग टारगेट
गरिमा अग्रवाल के मुताबिक, उन्होंने सबसे पहले प्री-एग्जाम को टारगेट किया। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने मेन्स परीक्षा की तैयारी भी की, क्योंकि बाद में इसके लिए समय नहीं मिलता है। मॉक टेस्ट के लिए अपने रिवीजन की जांच करते रहना महत्वपूर्ण है।
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को टिप्स देते हुए गरिमा ने कहा, “इस परीक्षा को पास करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज ‘धैर्य और निरंतरता’ है। अपनी तैयारी के दौरान ऐसे लोगों के संपर्क में रहें जो आपको प्रेरणा और सकारात्मक ऊर्जा देते हैं। इसके साथ ही यह है नकारात्मक विचारों वाले लोगों से दूर रहना ही बेहतर है।असफलता या सफलता दोनों ही हमारे दिमाग में होती है। अगर हम ठान लें तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं।