भगवान शिव के एकादश रुद्रावतारों में से हनुमानजी एक हैं। इनका जन्म वैशाख पूर्णिमा को हुआ था, इसी दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। पूर्णत: सात्विक रहते हुए हनुमानजी का पूजन-भजन करना चाहिए अन्यथा देव कोप भोगना पड़ सकता है।
इनकी पूजा करने के नियम इस तरह हैं।
– हर दिन भगवान श्री हनुमान की मूर्ति या हो सके तो मंदिर में जा कर दर्शन करें।
– सुबह जगने के बाद और रात्रि में सोने से पहले हनुमान चालीसा या हनुमान मंत्र का जाप करें।
– दिन में कम से कम एक बार हनुमान चालीसा पूर्ण ध्यान से पढ़ें।
– यदि हो सके तो पूर्ण रूप से मांसारी खाना और मादक पेय त्याग दें।
– हनुमान भक्त को श्री राम और माँ जानकी की भी पूजा करनी चाहिए।
– हो सके तो मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी का व्रत करना चाहिए।
– हर मंगलवार या शनिवार को हनुमान मंदिर में बालाजी की लाल मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाना चाहिए उसके बाद जनेऊ पहनानी चाहिए फिर उन्हें गुड चन्ना या केले का प्रसाद चढ़ा कर हो सके तो वानरों को यह प्रसाद खिलाना चाहिए।
सुनिए मधुर आवाज में हनुमान चालिसा-