आज के समय तेज रफ्तार जिंदगी और तकनीकी की इस दुनिया में बच्चों के व्यवहार में भी बदलाव आया है। कई बार बच्चे इतने आक्रामक हो जाते हैं, जिससे माता-पिता और शिक्षकों के लिए लगातार एक चुनौती बनता जा रहा है। वहीं, बच्चों में अनुशासन लाने के लिए आप गर्मी की छुट्टी का उपयोग कर सकते हैं।
अनुशासन से संवरता है बच्चों का भविष्य
दरअसल, अनुशासन बच्चों के भविष्य को संवारता है। अनुशासन उन्हें लगातार आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करता है। अनुशासन सिर्फ उनके लिए एक दंड का नाम नहीं, बल्कि मार्गदर्शन, स्नेह और समझ के साथ बच्चों को दिशा देने की प्रक्रिया है। इससे बच्चा सही-गलत की पहचान करता है और जिम्मेदार भी बनता है।
घर पर सिखाएं बच्चों को अनुशासन
बच्चों की पहली पाठशाला उनका घर होता है। माता-पिता का व्यवहार, बोलचाल और अनुशासन ही बच्चों की नींव बनाते हैं। ऐसे में आप घर पर उनके लिए कुछ नियम को भी बना सकते हैं। ऐसे में आप खाने का समय, पढ़ाई का समय, स्क्रीन टाइम की सीमा आदि को फिक्स कर सकते हैं।
बच्चों से करें सकारात्मक बातचीत
आप बच्चों से अपने घर पर पॉजिटिव बातचीत करें। उन्हें डांटने की बजाय बात कर समझाएं। बातचीत से उन्हें अपनी गलती का एहसास होता है। जब बच्चा अच्छा व्यवहार करे, तो उसकी सराहना जरूर करें।
मोबाइल का करें सीमित उपयोग
आज के समय में मोबाइल या फिर कोई अन्य टेक्नोलॉजी बच्चा इसके बगैर नहीं रह सकता है। ये उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा भी हो गए हैं। ऐसे में इसको सीमित और नियंत्रित उपयोग जरूरी है। ऐसे में माता-पिता को बच्चों के साथ मिलकर उनकी स्क्रीन टाइम को निर्धारित करना चाहिए। मोबाइल में गेम खेलने की बजाय आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा दें। इससे उनका शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से विकास होगा।