Ayurvedic hair colour: उम्र के साथ बालों का सफेद होने आम बात है। लेकिन टेंशन, प्रदूषण, शरीर में पोषक तत्वों की कमी और केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट का ज्यादा इस्तेमाल करने से कम उम्र में ही लोगों के बाल सफेद होने लगते हैं। ऐसे में उन्हें छुपाने के लिए अक्सर केमिकल युक्त हेयर डाई यूज करते हैं। इनमें मौजूद अमोनिया, सल्फेट, पैराबींस आदि की वजह से बालों की जड़ों पर बुरा असर पड़ता है।
ऐसे में आप नेचुरल तरीकों को अपना सकते हैं। आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक बालों को कलर करने के लिए आप आयुर्वेदिक हेयर कलर इस्तेमाल कर सकते हैं। ‘Nilini या इंडिगो हेयर कलरिंग करने का बेस्ट ऑप्शन है। नेचुरल तरीके से बालों को रंगने के लिए यह तरीका बेहतर है। इससे न केवल बाल काले होते हैं बल्कि चमक भी आती है।
क्या है इंडिगो
आयुर्वेद में इंडिगो को नील या Nilini के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसा पौधा है इंडिया के अलावा अफ्रीका, वियतनाम में होता है। इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर किया जाता है। इतना ही नहीं इससे बालों को रंगा भी जा सकता है।
इस तरह बनाएं आयुर्वेदिक हेयर कलर
इन चीजों की पड़ेगी जरूरत
प्योर नलिनी या इंडिगो पाउडर
एक बाउल
स्पून
शावर कैप
ग्लव्स
नलिनी या इंडिगो का इस्तेमाल करने का तरीका
सफेद बालों को काला करने के लिए अगर आप इसका इस्तेमाल करने जा रहे हैं तो सबसे पहले माइल्ड शैंपू से हेयर वॉश करें। इसके बाद कांच के बाउल में इंडिगो पाउडर लें। इसमें पानी डालकर उसका गाढ़ा पेस्ट बनाएं। कोशिश करें कि मिश्रण में गांठ न पड़े। या बहुत ज्यादा पतला पेस्ट नहीं बनाना है। ग्लव्स पहनकर बालों को दो हिस्सों में बांटकर ब्रश की मदद से बालों पर लगाएं। इसे बालों की जड़ों से लेकर सिरे तक लगाएं। करीब 60 मिनट बाद बाल धो लें। उम्मीद है ये खबर आपको पसंद आई होगी, इससे अलग यहां क्लिक कर पढ़ें: ज्यादा पके केले को फेंकने की बजाए बालों के लिए बनाएं Banana Hair Mask, रेशम जैसी मुलायम हो जाएंगी जुल्फें
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए एक्सपर्ट से जरूर परामर्श करें।