तुलसी विवाह (Tulsi vivah 2024) इस बार 12 नवंबर 2024 को है। इसे देव उठनी एकादशी भी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन तुलसी की शादी हुई थी। इस दिन भगवान विष्णु जागते हैं और उनकी शादी शालिग्राम जो कि भगावन विष्णु के ही स्वरूप हैं उनसे होती है। तुलसी विवाह पर मंडप बनाकर माता को दुल्हन की तरह सजाया जाता है, भोग लगाया जाता है और धूप जलाकर भगवान की पूजा होती है। ये एक सुंदर और सरल प्रक्रिया है, जिसमें तुलसी की विशेष सजावट की जाती है। तो आइए जानते हैं तुलसी विवाह पर मंडप कैसे बनाएं।
स्थान का चयन करें
जहां तुलसी का पौधा रखा है, उस स्थान को साफ करें। यह सुनिश्चित करें कि स्थान पवित्र और व्यवस्थित हो। अगर आपके पास तुलसी चौरा है तो आप आसानी से इसके पास मंडप बना लेंगे।
ईख और केले के पत्ते से बनाएं मंडप का ढांचा
ईख और केले के पत्ते का उपयोग करके मंडप का ढांचा बनाएं। इसे चौकोर या अष्टकोणीय आकार दे सकते हैं। इसे ऐसे बनाएं कि दो तरफ से आमने सामने ईख हो और दो तरफ से आमने सामने केले का पत्ता हो। इन सबको नीच और ऊपर से ऐसे बांधें कि ये हिल न पाए। मंडप की ऊंचाई ऐसी रखें कि उसमें सजावट आसानी से की जा सके और पूजा के समय आरामदायक हो।

मंडप की सजावट
मंडप के चारों ओर और तुलसी के पौधे के ऊपर फूलों की माला लगाएं। गेंदा, गुलाब, और अन्य सुगंधित फूलों का उपयोग करें। इसके अलावा पत्तों की माला जैसे आम, अशोक, या केले के पत्तों से मंडप सजाएं। यह मंडप को पारंपरिक और सुंदर लुक देता है। इसके चारों ओर रंगोली बनाएं। मंडप के चारों कोनों पर दीपक रखें। यह मंडप को शुभ और आकर्षक बनाता है।
पवित्र वस्त्र और चुनरी से सजावट करें
मंडप के चारों ओर रंगीन वस्त्र या चुनरी लगाएं। यह तुलसी मां की शादी के मंडप को एक धार्मिक और शादी के वातावरण जैसा महसूस कराता है। तुलसी चौरे पर चुनरी और सुंदर वस्त्र चढ़ाएं। नारियल, बंदनवार, रंग-बिरंगी झंडियां, और पत्तों के झालर से मंडप को और भी आकर्षक बना सकते हैं।
अंत में मंदिर के चारों ओर छोटे-छोटे दीयों का दीपोत्सव जैसा प्रकाश करें। झालरों का उपयोग करके भी इसे चमकदार बना सकते हैं। इस तरह से सजाए गए मंडप में तुलसी विवाह करें।