फलों का राजा वैसे तो आम है, लेकिन पूरे साल और सातों दिन मिलने वालों फलों में केला शामिल है। प्राकृतिक रूप से पका हुआ केला स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह मीठा और पौष्टिक होने के साथ-साथ स्वाद से भरपूर होता है। प्रतिदिन सुबह-सुबह दो केला खाना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे पूरे दिन एनर्जी बनी रहती है।
नेचुरल तरीके से पके केले को कैसे पहचानें?
केले को आप मार्केट से आसानी से खरीद सकते हैं। हालांकि, कई बार यह पता नहीं चल पाता है कि केला प्राकृतिक रूप से पका है या फिर इसको आर्टिफिशियल तरीके से पकाया गया है। मार्केट में कई ऐसे केले मिलते हैं, जो कार्बाइड से पकाए गए होते हैं। कार्बाइड से पका हुआ केला खाना स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है। अगर आप भी केला खरीदते समय कंफ्यूज हो जाते हैं तो यह लेख आपके लिए है।
ऐसे होते हैं कार्बाइड से पके केले
नैचुरल तरीके से पका हुआ केला खाने में काफी मीठा होता है। ऐसे केलों पर काले रंग के धब्बे होते हैं और ये हल्के भूरे रंग के होते हैं। इसका छिलका दागदार होने के साथ-साथ गहरा पीला होता है। वहीं, कार्बाइड से पका हुआ केला सेहत के लिए हानिकारक होता है। ऐसे केले के छिलके प्लेन होने के साथ-साथ हल्के पीले रंग के होते हैं। इनके नीचे काले रंग के स्थान पर हल्का हरा होता है। ऐसे केले को खाने से बचना चाहिए। इसकी लाइफ एक दम कम होती है, जिससे यह जल्दी ही खराब हो जाता है।
पानी से करें पहचान
नैचुरल तरीके से पके हुए केले की पहचान आप पानी से भी कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले केले को पानी में डालना होगा। अगर केला पानी में डूब जाता है, तो वह असली होता है। अगर वह पानी के ऊपर तैरने लगा जाता है तो वह कार्बाइड से पका हुआ हो सकता है।
क्या है कार्बाइड केले खाने के नुकसान
कार्बाइड केला खाना स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। अगर आप लगातार कार्बाइड वाला केला खाते हैं तो आपको कैंसर होने का खतरा बना रहता है। ऐसे केले लिवर और शरीर के कई हिस्सों को गंभीर तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं। मालूम हो कि केला में कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं। इसमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन-ए, विटामिन बी-6, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम मौजूद होती है।