बनारसी साड़ी भारत ही नहीं, दुनियाभर में फेमस हैं। बनारस की गलियों में बनी ये साड़ी अपनी महीन कारीगरी, जरी के खूबसूरत डिजाइन और शानदार बुनाई के चलते भारतीय परंपरा और संस्कृति की अनमोल धरोहर मानी जाती हैं और पहनने पर हर किसी की खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं। हालांकि, आज के समय में बाजार में नकली बनारसी साड़ियां भी मिलने लगी हैं। वहीं, कई लोग जानकारी की कमी के चलते महंगे दामों पर ये नकली बनारसी साड़ी खरीद लेते हैं और फिर बाद में पछताते हैं।
ऐसे में इस तरह की ठगी से बचने के लिए असली बनारसी साड़ी की पहचान करना बेहद जरूरी हो जाता है। इसी कड़ी में यहां हम आपको कुछ खास टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप असली और नकली बनारसी साड़ी में आसानी से अंतर पहचान सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-
इससे पहले बता दें कि पारंपरिक बनारसी साड़ी मुख्यतः चार तरह की होती हैं-
- कॉटन सिल्क बनारसी साड़ी
इसमें शुद्ध रेशम का इस्तेमाल किया जाता है और ये छूने पर हल्की मुलायम महसूस होती हैं।
- ऑर्गेन्जा (कड़ा) बनारसी साड़ी
इसमें मोटे जरी के काम के साथ मजबूत कपड़े का इस्तेमाल होता है।
- जामदानी बनारसी साड़ी
इसमें बारीक धागों से जटिल डिजाइन बनाए जाते हैं।
- टसर बनारसी साड़ी
ये साड़ियां टसर सिल्क से बनी होती हैं और इनमें हल्के जरी का काम होता है।
कैसे पहचानें असली बनारसी साड़ी?
बुनाई पर दें ध्यान
बता दें कि बनारसी साड़ी हाथ से बुनी जाती हैं। यही वजह है कि इन्हें बनाने में महीनों का समय लग जाता है। अब, अगर आपको असली बनारसी साड़ी पहचाननी है, तो इसके लिए साड़ी की बुनाई पर ध्यान दें। खासकर साड़ी को पलटकर देखें। अगर साड़ी के पीछे धागों का उलझाव है और छोटे-छोटे धागों के छोर नजर आ रहे हैं, तो समझ लें कि ये साड़ी हैंडलूम पर बनी है और असली है। वहीं, नकली या मशीन से बनी साड़ियों के पीछे धागे बहुत साफ-सुथरे और सीधी लाइनों में दिखते हैं।
ज़री पर दें ध्यान
असली बनारसी साड़ियां मूल रूप से शुद्ध सोने और चांदी से बनी होती थीं। हालांकि, अब तांबे के धागों पर सोने या चांदी की परत चढ़ाई जाती है। ऐसे में आप इन धागों पर गौर कर या इन्हें नाखूनों से हल्का खुरचकर देख सकते हैं। अगर इसके नीचे लाल रंग का धागा दिखे, तो साड़ी असली है। नकली ज़री में प्लास्टिक या सस्ते धातु का उपयोग किया जाता है।
साड़ी को लाइट में देखें
असली बनारसी साड़ी में हल्की सुनहरी चमक होती है, जबकि नकली साड़ी में प्लास्टिक जैसी चमक नजर आती है। इससे अलग हाथ से बनी साड़ी में डिजाइन थोड़े असमान हो सकते हैं, जबकि मशीन से बनी साड़ी के पैटर्न एकदम परफेक्ट होते हैं।
भारतीय हस्तकला मंत्रालय का प्रमाणपत्र (Silk Mark) देखें
इन सब से अलग शुद्ध बनारसी साड़ी पर सिल्क मार्क (Silk Mark) सर्टिफिकेशन जरूर देखें। असली बनारसी रेशम साड़ियां रेशम मार्क प्रमाणीकरण रखती हैं, जो प्रमाणित करता है कि साड़ी असली रेशम से बनी है।
इस तरह कुछ आसान बातों पर ध्यान देकर आप असली और नकली साड़ी में फर्क पहचान सकते हैं।
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