यूं तो भारत के लोगों को घूमने फिरने का चस्का कुछ ज्यादा ही होता है। बस जहां की प्लानिंग की, बैग पैक किया और निकल गए। नए-नए हिल स्टेशंस और साउथ के खूबसूरत बीचेज देखने का चाव उनके घूमने के जज्बे को और बढ़ा देता है। आजकल तो भारतीय विदेशों में हॉलिडे मनाना भी ज्यादा पसंद कर रहे हैं। लेकिन यहां आपको जरा रुकना पड़ेगा जनाब, क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत उन देशों की लिस्ट में चौथे पायदान पर है जहां छुट्टियों के लिए लोग तरस जाते हैं। यानी सब कुछ होते हुए भी वह अपने परिवार या दोस्तों के साथ घूमने नहीं जा पाते। इतना ही नहीं 63 प्रतिशत भारतीय उतनी छुट्टियां नहीं ले पाते, जितनी उन्हें मिलती है। यह बात एक्पिडिया वेकेशन डिपरिवेशन रिपोर्ट 2016 में सामने आई है।

इस सूची में स्पेन (68 प्रतिशत) पहले पायदान पर, यूएई (68 प्रतिशत) दूसरे और मलयेशिया (67 प्रतिशत) तीसरे पायदान पर है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि करीब 40 प्रतिशत भारतीयों को उनका वर्क शेड्यूल ही छुट्टी लेने नहीं देता या काम के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं होता। दूसरी ओर 32 प्रतिशत भारतीय अपने पर्सनल शेड्यूल के कारण छुट्टी नहीं ले पाते। एक्पीडिया इंडिया के मार्केटिंग हेड मनमीत आहलूवालिया कहते हैं, वर्क लाइफ को बैलेंस और काम के प्रति फोकस जगाने में छुट्टियां बेहद अहम भूमिका अदा करती हैं।

एक्सपीडिया की तरफ से यह रिपोर्ट नॉर्थ स्टार नाम की एक कंस्लटिंग फर्म ने तैयार की है। 12 सितंबर से लेकर 29 सितंबर के बीच हुए इस सर्वे में नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, साउथ अमेरिका और एशिया पैसिफिक के लोगों को शामिल किया गया था।