रंग,विविधता और मान्यताएं भारतीय संस्कृति के पर्याय है। भारतीय संस्कृति और उसके आकर्षण के कारण विदेशों से लोग यहां आते हैं। हर गली, हर शहर और हर कोने में एक कहानी बताने के लिए है। भारत देश की परंपरा, संस्कृति और त्योहार लोगों को एक दूसरे के नजदीक लाते हैं और उन्हीं त्योहारों में से एक है रंगों का महोत्सव होली। होली का त्योहार बुराई की अच्छाई पर जीत और वसंत, फसल आने की खुशी में मनाया जाता है। रंगों के जरिए लोग अपनी इसी खुशी को जाहिर करते हैं। होली के दिन जगह-जगह रंग उड़ता दिखाई देता है। इस दिन परिवारजनों और दोस्तों को रंग गुलाल लगाए जाने की रिवाज है। इस दिन को रंगों का त्योहार इसलिए कहा जाता है। होली आई रे… होली के दिन पूरा देश नीले, पीले, हरे और मैजेंटा रंग में रंगा हुआ नजर आता है। हवा में रंगों के साथ एक ही प्यार और खुशी का संदेश उड़ता हुआ दिखाई देता है।
चमकीले रंग इस त्योहार का मुख्य आकर्षण होते हैं, होली के दिन आदमी, औरतें और बच्चों अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों पर रंग फेंकते हैं। सूखें रंगों को गुलाल कहते है और जिन कलर में पानी मिलाया जाता है उन्हें पक्का रंग कहा जाता है। होली के दिन एक गार्डन या घर के आंगन में टेबल पर सभी रंगों को थाली में रखकर सजाया जाता है और पड़ोसियों और परिवार के लोगों इस त्योहार को मिलकर मनाया जाता है। लाउड म्युजिक और बहुत से मनोरंजन की चीजों के साथ इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है।
होली के दिन हर गली और हर घर रंगों में सराबोर नजर आता है। हर रंग का महत्व होता है। भारत में हर अवसर और पल के लिए एक रंग है। हर रंग जीवन को शक्ति देता है और जीवन को एक अलग महत्व देता है। जैसे कि सफेद रंग की बात करें तो वह पवितत्रा का प्रतीक है, यह रंग शोक को भी जताता है। भारत में पहले विवधवा महिला सिर्फ सफेद रंग की कपड़े ही पहनती थीं। वही काले रंग को बुराई की नजर से देखा जाता है
पहले के समय में गुलाल फूलों की मदद से घर पर ही बनाया जाता था। फूलों को पेड़ से तोड़ने के बाद उन्हें धूप में सूखाकर पाउडर बनाया जाता था। जब उस पाउडर को पानी में घोला जाता था तो बहुत ही अच्छा रंग बन जाता था। मगर बदलते दौर में आज केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल किया जाने लगा है।आज भले ही दौर बदल गया है नैचुरल रंगों की जगह केमिकल युक्त रंगों ने ले ली है मगर आज भी इस त्योहार का भाव वहीं है। आज भी होली का यह त्योहार अपनों को अपनो के करीब लाता है और परिवार के सभी लोग हंसी खुशी आनंद के साथ इस त्योहार को मनाते हैं।

