सत्यनारायण भगवान की कथा हो या कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा हो, कोई भी पूजा प्रसाद के बिना अधूरी है। पूजा के बाद प्रसाद के रूप में फलों का प्रसाद, चरणामृत और पंजीरी देने की परंपरा है। पंजीरी हर पूजा के बाद दिया जाने वाला सबसे लोकप्रिय प्रसाद है। कृष्ण जन्माष्टमी पर धनिये की पंजीरी बनाई जाती है। इसमें आटे का प्रयोग न होने की वजह से इसे व्रत के समय भी खाया जा सकता है। आज हम आपको कृष्ण जन्माष्टमी के इसी महत्वपूर्ण प्रसाद की रेसिपी बताने जा रहे हैं, जो खाने में तो स्वादिष्ट होता है ही, साथ ही साथ जन्माष्टमी का व्रत खोलने के लिए सबसे उपयुक्त आहार माना जाता है।
सामाग्री-
सौ ग्राम धनिया पाउडर
तीन चम्मच देसी घी
आधा कप मखाना
आधा कप चीनी
दस काजू
दस बादाम
एक चम्मच चिरौंजी
बनाने की विधि-
धनिए की पंजीरी बनाने के लिए सबसे पहले कढ़ाई में 1 चम्मच घी गर्म कर लें। अब इसमें धनिया पाउडर मिलाकर अच्छी तरह से भून लें। अब इसमें टुकड़ों में कटे हुए मखानों को भूनकर तथा उन्हें दरदरा पीस कर डाल दें। काजू और बादाम तो भी छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर इसमें मिला दें। इस तरह से भगवान को भोग लगाने वाली धनिए की पंजीरी तैयार है। भोग लगाने के बाद आप इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं।
