Hindi Diwas 2019: आज (14 सितंबर) हिंदी दिवस है। वही हिंदी दिवस, जो 1949 में हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिए जाने के बाद मनाया जाने लगा। हालांकि, एक बार ऐसा भी हुआ है, जब इसी हिंदी दिवस को आयोजित करने के लिए निमंत्रण पत्र अंग्रेजी में प्रकाशित हुए थे। इसके बाद हिंदी के जानकारों ने पीएम मोदी व केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की थी।
यह है मामला: बात सितंबर 2015 की है। 14 सितंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में समारोह आयोजित किया गया था, लेकिन उसके निमंत्रण पत्र अंग्रेजी में प्रकाशित हुए थे। इसके बाद प्रेस विज्ञप्ति भी अंग्रेजी में जारी की गई थी। ऐसे में हिंदी के जानकारों ने काफी नाराजगी जताई थी।
विश्व हिंदी सम्मेलन का दिया हवाला: दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदी सेवा व सूचना अधिकार कानून कार्यकर्ता प्रवीण जैन बताते हैं कि 2015 में ही भोपाल में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी सहित केंद्र व राज्य सरकार के मंत्रियों ने बड़ी-बड़ी बातें कही थीं। इसके बावजूद हिंदी दिवस के निमंत्रण पत्र व प्रेस रिलीज अंग्रेजी में प्रकाशित की गई थी।
सरकार पर लगाया दोगली नीति का आरोप: प्रवीण बताते हैं कि सरकार दोगली नीति पर काम कर रही है। हिंदी दिवस समारोह के निमंत्रण पत्र अंग्रेजी में छपवाना हिंदी का अपमान करना है। सरकार को हिंदी का ढकोसला बंद करना चाहिए। हिंदी भले ही करोड़ों लोगों की भाषा है, लेकिन यह सरकार की भाषा नहीं बन पाई है।
सरकारी दफ्तरों में भी हिंदी गुल: प्रवीण के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन की हिंदी वेबसाइट काफी प्रयास करने के बाद बनाई गई। यही हाल आईआरसीटीसी की वेबसाइट का रहा। उनका कहना है कि राजभाषा को दरकिनार करके हर काम अंग्रेजी में हो रहा है। राष्ट्रपति सचिवालय में सिर्फ अंग्रेजी में काम किया जा रहा है, जो शर्मनाक है।