Happy New Year 2025 History, Importance: पुराना साल 2024 अलविदा कह रहा है और नए साल 2025 का आगाज होने वाला है। गौरतलब है कि हर साल 1 जनवरी के दिन को दुनिया भर में नए साल के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। अलग-अलग देशों के लोग अपने-अपने अंदाज में न्यू ईयर का स्वागत करते हैं और जमकर जश्न मनाते हैं। अब, ये बातें तो आप सभी जानते होंगे लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ये जश्न 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है या क्यों लोग 1 जनवरी को न्यू ईयर सेलिब्रेट करते हैं? अगर नहीं, तो यहां हम आपको इसी सवाल का जवाब देने वाले हैं।

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यहां पढ़ें न्यू ईयर के पीछे की दिलचस्प कहानी-

दरअसल, पहले रोमन कैलेंडर मार्च महीने में शुरू होता था। मार्च का नाम मार्स ग्रह पर रखा गया है और इसमें सिर्फ 10 महीने होते थे, साथ ही 8 दिन का एक हफ्ता होता था।

इसके बाद 46 ईसा पूर्व में जूलियस सीज़र के सत्ता में आने के बाद कैलेंडर में सुधार करने का प्रयास किया। इसके लिए उन्होंने अलेक्जेंड्रियन खगोलशास्त्री सोसिजेनस की सलाह ली। इस दौरान पता चला कि धरती 365 दिन और छह घंटे में सूर्य की परिक्रमा करती है। इसको देखते हुए जूलियन कैलेंडर में साल में 365 दिन कर दिए और 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत की।

शुरुआत के रोमन देवता जानूस को सम्मानित करने के लिए 1 तारीख को चुना गया था। माना ये भी जाता है कि 4000 साल पहले प्राचीन बेबीलोनियन सभ्यता के दौरान नया साल 11 दिन तक सेलिब्रेट किया जाता था। इस सेलिब्रेशन को अकितू (Akitu) कहा जाता था।

इससे अलग बता दें कि कोई भी कलैंडर सूर्य चक्र और चंद्र चक्र की गणना पर आधारित होता है। चंद्र चक्र पर आधारित कैलेंडर में 354 दिन होते हैं जबकि जो कैलेंडर सूर्य चक्र पर आधारित होते हैं उसमें 365 दिन होते हैं। ग्रिगोरियन कैलेंडर सूर्य चक्र पर आधारित है जिसे ज्यादातर देशों में इस्तेमाल किया जाता है।

उम्मीद है ये जानकारी आपको पसंद आई होगी। इससे अलग यहां क्लिक कर पढ़ें- पहाड़ों में करें न्यू ईयर सेलिब्रेट, यहां देख लें दिल्ली के पास कौन-कौन से हैं हिल स्टेशन; बस 2 दिन में घूम आएंगे कई जगह