हर बार नया साल नई खुशियां, नई उमंग, नई उम्मीदें और जश्न मनाने के तमाम नए बहाने लेकर आता है। अब सवाल ये है कि हम आखिर ये जश्न मनाते क्यों हैं तो आपको बता दें कि खुश होने के लिए किसी वजह की जरूरत नहीं होती। या यूं कहे सकते हैं कि बस ये खुशी जाहिर करने के लिए एक अच्छा दिन होता है। हम और आप नए साल को वेलकम कर रहे होते हैं, ताकि नई उमंगों और सपनों के साथ नई शुरुआत कर सकें। इस दिन आप बेझिझक अपने पुराने दोस्तों, रिश्तेदारों और अपने रिलेशन पर जमी धूल साफ कर सकते हैं जिनसे आप ने लंबे समय से बात ना की हो और हां अगर आप कोई तोहफा भी देना चाहें तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी।
रही इतिहास की बात तो माना जाता है कि नए साल का उत्सव 4000 साल से भी पहले बेबीलोन में मनाया जाता था। पर तब यह पर्व 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आने की तिथि भी मानी जाती थी। प्राचीन रोम में भी नव वर्षोत्सव तभी मनाया जाता था। रोम के बादशाह जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45 वें वर्ष में जब जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, तब विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए साल का उत्सव मनाया गया। नया साल ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को होता है। अलग-अलग संस्कृतियों के अपने कैलेंडर और अपने नव वर्ष होते हैं। दुनिया के देश अलग-अलग समय पर नया साल मनाते हैं।
नए साल को सेलिब्रेट करते समय बहुत से लोग अपने आस-पास के लोगों के साथ पार्टी करते हुए करीब आते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो जान पहचान बढ़ाने के लिए यह अच्छा अवसर प्रदान करता है। इस मौके पर जान पहचान वालों के अलावा बहुत से अनजान लोग भी आपको बधाई देते हें। हर आने वाला साल अपने साथ ढेरों उतार-चढ़ाव लेकर आता है। जिनकी मदद से आपको एक बेहतर इंसान बनने में मदद मिलती है। वैसे हर साल से लोगों को उम्मीद होती है। ऐसे में हम आपको बता दें कि आने वाला साल नौकरीपेशा लोगों के लिए खास हो सकता है। नए साल में कई नौकरियों का सृजन होता है तो कई कंपनियां अपनी नीतियों में बदलाव करती है। अगर जो लोग नौकरी खोज रहे हैं या इन फील्ड में नौकरी कर रहे हैं तो उनके लिए भी यह अच्छा वक्त है, क्योंकि बाजार में कई नौकरियां आने वाली है और जो लोग नौकरी कर रहे हैं, उनकी ग्रोथ होने वाली है।

