Happy Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti 2020 Wishes Images, Quotes, Status, Photos: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती कल पूरे देश में मनाई जाएगी। उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। उनके पिता जानकी नाथ बोस एक सफल बैरिस्टर थे और माँ प्रभावती देवी एक गृहिणी थीं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से नेताजी की मुलाकात 1921 में असहयोग आंदोलन के दौरान हुई थी। तभी नेताजी ने बापू को राष्ट्रपिता का दर्जा दिया था और पूरा देश गांधी को राष्ट्रपिता कहने लगा।
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ब्यूरोक्रेट की बड़ी सरकारी नौकरी छोड़ कर सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया था। ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ नेताजी के इस नारे ने पूरे देश में ऐसी क्रांति फैला दी थी कि अंग्रेजों की नींद हराम हो गई थी। आइए उनकी जयंती पर उनके ऐसे ही जोश से भरे कोट्स और नारे याद करें और दोस्तों से उस महागाथा की चर्चा करें…
1.”मुझे यह नहीं मालूम कि स्वतंत्रता के इस युद्ध में हम में से कौन -कौन जीवित बचेंगे, परंतु मैं यह जानता हूं कि अंत में विजय हमारी ही होगी।”
2.”आज हमारे अंदर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके; एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशस्त हो सके।”
3.”राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्श सत्य, शिव और सुन्दर से प्रेरित है।”
4.”ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिलेगी, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए।”
5.”जीवन में प्रगति का आशय यह है कि शंका संदेह उठते रहें और उनके समाधान के प्रयास का क्रम चलता रहे।”
6.”हमारी राह भले ही भयानक और पथरीली हो, हमारी यात्रा चाहे कितनी भी कष्टदायक हो, फिर भी हमें आगे बढ़ना ही है। सफलता का दिन दूर हो सकता है, पर उसका आना अनिवार्य है।”
7.”एक सच्चे सैनिक को सैन्य प्रशिक्षण और आध्यात्मिक प्रशिक्षण दोनों की ज़रुरत होती है।”
8.”अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना सबसे बड़ा अपराध है।”
9.”अपने पूरे जीवन में मैंने कभी खुशामद नहीं की है। दूसरों को अच्छी लगने वाली बातें करना मुझे नहीं आता।”
Highlights
“मेरी सारी की सारी भावनाएं मृतप्राय हो चुकी हैं और एक भयानक कठोरता मुझे कसती जा रही है।”
“मेरी सारी की सारी भावनाएं मृतप्राय हो चुकी हैं और एक भयानक कठोरता मुझे कसती जा रही है।”
“मेरे पास एक लक्ष्य है जिसे मुझे हर हाल में पूरा करना हैं। मेरा जन्म उसी के लिए हुआ है ! मुझे नैतिक विचारों की धारा में नहीं बहना है। ”
उड़ीसा के कटक में आज ही के दिन 1897 में संपन्न बंगाली परिवार में जन्म हुआ। बचपन उड़ीसा में बीता। प्रारंभिक पढ़ाई के बाद दर्शनशास्त्र में स्नातक के लिए उन्होंने कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया।
नेता जी कहते थे... .”हमारी राह भले ही भयानक और पथरीली हो, हमारी यात्रा चाहे कितनी भी कष्टदायक हो, फिर भी हमें आगे बढ़ना ही है। सफलता का दिन दूर हो सकता है, पर उसका आना अनिवार्य है।”
आज भी युवाओं में इस नारे को सुन कर उनके तन बदन में जोश भर जाता है। 'आज हमारे अंदर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके; एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशस्त हो सके।”
नेताजी कहते थे, 'आज हमारे मन में एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके! एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशस्त हो।'
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जीवन के संदर्भ में बहुत ही गूढ़ बात कही थी, उन्होंने कहा था कि अगर जीवन में संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़े, तब जीवन का आधा स्वाद ही खत्म हो जाता है!
नेताजी सुभाष चंद्र बोस कहते थे कि ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिलेगी, हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए।
"असफलताएं कभी कभी सफलता की स्तम्भ होती हैं।"
"निसंदेह बचपन और युवावस्था में पवित्रता और संयम अति आवश्यक है।"
'जो फूलों को देखकर मचलते हैं उन्हें कांटे भी जल्दी लगते हैं।'
'अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है।'
अजेय (कभी न मरने वाले) हैं वो सैनिक जो हमेशा अपने राष्ट्र के प्रति वफादार रहते हैं, जो हमेशा अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहते हैं।
ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिलेगी, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए।
उनके पिता का नाम जानकीनाथ और माता का प्रभावतीदेवी था। इनके पिता कटक के मशहूर बैरिस्टर थे। पिताजी की इच्छा का पालन करते हुए उन्होंने इस परीक्षा में सफलता भी हासिल की पर अंग्रेजों को लेकर अपने दिल से कटुता नहीं निकल पाएं जिस वजह से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। 1921 में महात्मा गांधी से मिलने के बाद उन्होंने देशसेवा को अपना परम धर्म मान लिया। उन्होंने चितरंजन दास के साथ काम किया और कुछ समय के लिए कॉंग्रेस के नेता भी चुने गए।
प्रेरणा से ओत प्रोत कर देने वाले कई नेता जी सुभाष चंद्र बोस के वाक्य हैं जिन्हें सुन कर लोग आज भी याद करके मार्ग दर्शन लेते हैं।
'जीवन में प्रगति का आशय यह है कि शंका संदेह उठते रहें और उनके समाधान के प्रयास का क्रम चलता रहे।
बोस एक बहुत अच्छे वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। वो समय से आग चलने वाले लोगों में से थे।
."हमारी राह भले ही भयानक और पथरीली हो, हमारी यात्रा चाहे कितनी भी कष्टदायक हो, फिर भी हमें आगे बढ़ना ही है। सफलता का दिन दूर हो सकता है, पर उसका आना अनिवार्य है।"
अपने हर भाषण में नेताजी इस बात का उल्लेख भी किया करते थे कि नौजवान ही देश का असली भविष्य होते हैं। एक सच्चे देशभक्त और स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस सदैव ही हमारे मन में रहेंगे।
."भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी शक्ति का संचार किया है जो लोगों के अंदर सदियों से निष्क्रिय पड़ी थी।"
प्रत्येक भारतीय को इस बात का गर्व है कि हम उस देश के रहने वाले हैं जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसी महान हस्तियों ने जन्म लिया है। उनकी कही बातों से दिल में आज भी जोश भर जाता है।
'ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिलेगी, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए।'
नेता जी सुभाष चंद्र बोस अपने युवापन से ही छात्रों पर पैनी नजर रखते थे। इसके अलावा उन्होंने देश की स्थिति को देखते हुए युवा छात्रों के लिये एक बार कहा था।
.'अच्छे चरित्र का निर्माण करना ही छात्रों का मुख्य कर्तव्य होना चाहिए।'
अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिये और देश के लोगों में क्रांति की भावना को जीवित करने के लिये नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने कई नारे दिये। इसके अलावा उनके द्वारा कही कई बातें लोगों के दिलों में आज भी जिंदा हैं। अपने भाषण से नेता जी लोगों के मन में आजादी की उम्मीद बांधा करते थे।
'आज हमारे अंदर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके; एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशस्त हो सके।'
अपने हर भाषण में नेताजी इस बात का उल्लेख भी किया करते थे कि नौजवान ही देश का असली भविष्य होते हैं। एक सच्चे देशभक्त और स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस सदैव ही हमारे मन में रहेंगे।
"जब आज़ाद हिंद फौज खड़ी होती है तो वो ग्रेनाइट की दीवार की तरह होती है; जब आज़ाद हिंद फौज मार्च करती है तो स्टीमर की तरह होती है।""अजेय (कभी न मरने वाले) हैं वो सैनिक जो हमेशा अपने राष्ट्र के प्रति वफादार रहते हैं, जो हमेशा अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहते हैं।"
बोस एक बहुत अच्छे वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। वो समय से आग चलने वाले लोगों में से थे। अपनी आजाद हिंद फौज में उन्होंने सिर्फ पुरुषों को ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी शामिल किया था।"इतिहास गवाह है कि कोई भी वास्तविक परिवर्तन चर्चाओं से कभी नहीं हुआ।""अच्छे चरित्र का निर्माण करना ही छात्रों का मुख्य कर्तव्य होना चाहिए।"
भारतीय इतिहास में सुभाष चन्द्र बोस का नाम एक महान व्यक्ति और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर याद किया जाता है।
"माँ का प्यार स्वार्थ रहित और सबसे गहरा होता है। इसको किसी भी प्रकार नापा नहीं जा सकता।"
"भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी शक्ति का संचार किया है जो लोगों के अंदर सदियों से निष्क्रिय पड़ी थी।"