जन्माष्टमी का त्योहार इस बार शुक्रवार और शनिवार के दिन सेलिब्रेट किया जा रहा है। बता दें कि कृष्ण जन्माष्टमी भद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी कि आठवें दिन मनाई जाती है। जन्माष्टमी का त्योहार हिंदूओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। कई लोग जन्माष्टमी के मौके पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी कथा का पाठ करते हैं। तो वहीं कई लोग पूरे दिन भूखे और प्यासे रह कर भगवान श्री कृष्ण के लिए व्रत रखते हैं। इस जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को मैसेज, कोट्स और इमेजेज भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं।
1. कृष्ण भक्ति की छांव में
सब दुखों को भुलाओ प्यारे
सब मिल प्रेम भक्ति से,
हरि गुण गाओ प्यारे
जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई 2019
Highlights
माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
खुशी मनाओ उसके जन्म दिन की,
जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया
हैप्पी जन्माष्टमी
माखन चुराकर जिसने खाया, बंसी बजाकर जिसने नचाया, खुशी मनाओ उसके जन्मदिन की, जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया Happy Janmashtami!
माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
खुशी मनाओ उसके जन्म दिन की,
जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया।
Wish You Happy Janmashtami / Gokulashtami 2019
हरे कृष्ण, हरे मुरारी,
पूजा करे इनकी दुनिया सारी,
आओ राधे-श्याम का नाम जपें,
मिट जाएं दुविधाएं सारी,
कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तो ताकत नष्ट हो जाता है। जब ताकत नष्ट होती है तो व्यक्ति का अंत निश्चित है।
कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं 2019
May you find your love
on this Janmashtami and
Gopis may shower all
Their love and affection
On your body and soul.
Shubh Janmashtami 2019
हरि सुमिरन करते रहो
बोलो राधे राधे
हरि नाम जपते ही
दुख कोसों दूर भागे।।
कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई
माखनचोर नन्द किशोर,
बांधी जिसने प्रीत की डोर,
हरे कृष्ण हरे मुरारी,
पूजती जिन्हें दुनिया सारी,
आओ उनके गुण गाएं,
सब मिलकर जन्माष्टमी मनाएं।।
जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई
कृष्ण की महिमा,
कृष्ण का प्यार,
कृष्ण की श्रद्धा,
कृष्ण में ही संसार,
मुबारक हो आप सभी को जन्माष्टमी का त्योहार
मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।
भय, राग द्वेष से रहित मनुष्य ही इस लोक और परलोक में सुख पाते हैं।
ना यह शरीर तुम्हारा है और ना तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से बना है और इसी में मिल जाएगा।
इंसान का स्वार्थ उसे अन्य लोगों से दूर ले जाकर नकारात्मक हालातों की ओर धकेलता है। परिणामस्वरूप व्यक्ति अकेला रह जाता है। स्वार्थ शीशे में फैली धूल की तरह है, जिसकी वजह से व्यक्ति अपना प्रतिबिंब ही नहीं देख पाता। अगर जीवन में खुश रहना चाहते हैं तो स्वार्थ को कभी अपने पास भी ना आने दें।