Happy Kartik Purnima 2020 Wishes Images, Status, Quotes, Photos: 30 नवंबर, सोमवार को कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पड़ रही है। हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना कार्तिक पूर्णिमा का बेहद महत्व बताया जाता है। जानकारों के अनुसार कार्तिक मास परम पावन होता है। इस महीने में किए गए पुण्य कर्मों का अनन्त गुना फल प्राप्त होने की मान्यता है। इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा और गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देव दिवाली भी मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन सभी देवता पृथ्वी पर उतर आते हैं। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और भगवान शंकर की अराधना की जानी चाहिए।
कार्तिक मास की पूर्णिमा जिसे कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है, इस खास मौके पर अपनों से शेयर करें बधाई संदेश –
दीपों का ये पावन त्योहार
आपके लिए लाये ख़ुशिया हज़ार
लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार
हमारी शुभकामनाएं करें स्वीकार
हैप्पी कार्तिक पूर्णिमा
पल पल सुनहरे फूल खिले
कभी न हो कांटो का सामना
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे
देव दिवाली पर हमारी यही शुभकामना!!
देव दिवाली पर्व है खुशियों का,
उजालों का, लक्ष्मी का,
इस दिवाली आपकी जिंदगी खुशियों से भरी हो,
दुनिया उजालों से रौशन हो,
घर पर मां लक्ष्मी का आगमन हो,
हैप्पी देव दिवाली
आपको आशीर्वाद मिले गणेश से
विद्या मिले सरस्वती से,
धन मिले लक्ष्मी से,
खुशी मिले रब से,
प्यार मिले इस दिल से,
यही दुआ है, दिल से,
इस घर की प्यारी खुशियों के साथ
Highlights
भगवान श्रीहरि को तुलसी अतिप्रिय है. ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा की सुबह व शाम विशेष रूप से तुलसी देवी के आगे दीया जलाकर तुलसी चालिसा का पाठ करें. कहते हैं कि इससे घर में सुख-समृद्धि आने के साथ साथ समाज में मान-सम्मान भी बढ़ेगा
पूर्णिमा तिथि आरंभ - 29 नवंबर, रविवार को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 30 नवंबर, सोमवार को दोपहर 03 बजे तक।
कार्तिक पूर्णिमा संध्या पूजा का मुहूर्त - 30 नवंबर, सोमवार - शाम 5 बजकर 13 मिनट से शाम 5 बजकर 37 मिनट तक।
देव दिवाली पर्व है खुशियों का,
उजालों का, लक्ष्मी का,
इस दिवाली आपकी जिंदगी खुशियों से भरी हो,
दुनिया उजालों से रौशन हो,
घर पर मां लक्ष्मी का आगमन हो,
हैप्पी देव दिवाली
पल पल सुनहरे फूल खिले
कभी न हो कांटो का सामना
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे
देव दिवाली पर हमारी यही शुभकामना!!
इस महीने में किए गए पुण्य कर्मों का अनन्त गुना फल प्राप्त होने की मान्यता है। इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा या फिर गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देव दिवाली भी मनाई जाती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। अगर संभव ना हो तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। इसके बाद देवी तुलसी का पौधा और भगवान विष्णु की अर्चना करें।
कार्तिक माह को श्रीहरि विष्णु और भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। हिंदू धर्म के सभी बड़े त्योहार इस महीने में आते हैं। इसे परम पावन और पुण्यदायी महीना माना जाता है।
खुशी हर रात चांद बनकर आए,
दिन का उजाला शान बनकर आए,
कभी दूर ना हो आपके चेहरे से हंसी,
यह कार्तिक पूर्णिमा ऐसी सौगात लेकर आए।
कार्तिक पूर्णिमा की बधाई
दीपों का ये पावन त्योहार
आपके लिए लाये ख़ुशिया हज़ार
लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार
हमारी शुभकामनाएं करें स्वीकार
हैप्पी कार्तिक पूर्णिमा
एक दुआ मांगते हैं हम अपने भगवान से
चाहते हैं आपकी खुशी पूरे ईमान से
सब हसरतें पूरी हो आपकी और आप मुस्कुराएं दिल-ओ-जान सें।
आप सभी को कार्तिक पूर्णिमा 2020 की शुभकामनाएं
कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि है अति पावन,
बरसे है देवताओं का प्यार और आशीर्वाद,
चंद्रमा की चांदनी और मां लक्ष्मी का प्यार,
शुभ हो आपके लिए कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार
इस साल 30 नवंबर, सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की आराधना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा संध्या पूजा का मुहूर्त - 30 नवंबर, सोमवार - शाम 5 बजकर 13 मिनट से शाम 5 बजकर 37 मिनट तक।