Happy Gudi Padwa 2019 Wishes Images, Messages, Photos, and Status: इस साल देशभर में गुड़ी पड़वा का त्योहार 6 अप्रैल को मनाया जाएगा। लोग इस पर्व को काफी पवित्र मानते हैं। गुड़ी पड़वा आमतौर पर गोवा और मराठी लोग मनाते हैं। गोवा और मराठी लोग बड़े ही धूम-धाम से इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं। महाराष्ट्र में इस दिन जुलूस निकलता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने लंका में रावण को हराया था और अयोध्या लौट कर आने वाले थे। गुड़ी पड़वा के दिन सूर्य देव की पूजा कि जाती है और घरों में विजय के प्रतीक के रूप में गुड़ी सजाई जाती है। आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को कुछ मैसेज, कोट्स और शायरी भेजकर इस दिन की बधाई दे सकते हैं।
खुशियां हो ओवरफ्लो,
मस्ती कभी ना हो लो,
दोस्ती का सुरूर छाए रहे,
धन और शौहरत की हो बौछार.
ऐसा आए आपके लिए गुड़ी पड़वा का त्योहार।।
Happy Gudi Padwa 2019
आपको आशीर्वाद मिले गणेश जी से,
विद्या मिले सरस्वती से,
लक्ष्मी मिले लक्ष्मी से,
खुशियां मिले रब से,
प्यार मिले सब से,
पूरी हो आपकी हर इच्छा।।
Happy Gudi Padwa 2019
खुदा करे नया साल आपके पास आ जाए,
जिसे आप चाहते हैं वो आपके पास आ जाए,
नए साल में कुंवारे ना रहे आप,
मिले आपको हर खुशियां।।
Happy Gudi Padwa 2019
आपके सारे सपने पूरे हो जाए,
मन में लेकर यह इच्छा,
मैं भेज रहा हू आपको गुड़ी पड़वा की शुभेच्छा।।
Happy Gudi Padwa 2019
शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना करते हैं,
इस दिन हमारा देश खुशहाली से रहे यही दुआ करते हैं।।
आपको बहुत बहुत मुबारक हो गुड़ी पड़वा 2019
दोस्तों गुड़ी पड़वा आए और अपने साथ नया साल लाए,
नए साल में आओ मिले सब गले,
और मनाए गुड़ी पड़वा दिल से।।
Happy Gudi Padwa 2019
गुड़ी पड़वा के दिन की शुरुआत घर में स्नान ध्यान कर सभी मराठी लोग घर में और मंदिर में पूजा करते हैं और इसके साथ ही नीम के पत्तों का सेवन करते हैं। इस दिन नीम के पत्तों को खाना विशेष रूप से लाभकारी और पुण्यकारी माना गया है। गुड़ी पड़वा के दिन मराठी महिलाएं पारंपरिक वस्त्र धारण कर पूजा करती हैं। गुड़ी पड़वा पर घर-घर में श्रीखंड, पूरन पोली, मालपुआ और खीर जैसे तमाम तरह के मिष्ठान बनाए जाते हैं।
महाराष्ट्र में उगादी का त्यौहार गुड़ीगु पडवा के नाम से मशहूर है। इस खास दिन को छत्रपति शिवाजी की जयंती के साथ मनाया जाता है। बताया जाता है कि इस दिन मराठा सेना युद्ध से विजयी हो कर लौटे थी।
नवदुर्गा के आगमन से सजता है नया साल, गुड़ी के त्योहार से खिलता है नया साल, कोयल गाती है नए साल का मल्हार, संगीतमय हो जाता है सारा संसार, चैत्र की शुरुआत से होती है नई शुरुआत, यही है हिंदू नव वर्ष का शुभारंभ।
Happy Gudi Padwa 2019
आंध्र प्रदेश में ‘उगादी’ और महाराष्ट्र में ‘गुड़ी पडवा’ के नाम से मनाया जाने वाले इस पर्व पर घरों में विशेष पकवान बनाए जाते है। जिसमें आंध्र प्रदेश में घरों में एक विशेष प्रकार का पेय पदार्थ ‘पच्चड़ी/प्रसादम’ तीर्थ के रूप में बांटा जाता है। मान्यता है कि इसका निराहार सेवन करने से मनुष्य निरोगी रहता है। इससे चर्मरोग भी दूर होता है। जबकि महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के अवसर पर इस विशेष मौके पर पूरन पोली या मीठी रोटी बनार्इ जाती है, जो कि गुड़, नमक, नीम के फूल, इमली और कच्चे आम के मिश्रण से तैयार होती है। गुड़ मिठास का, तो नीम के फूल कड़वाहट मिटाने, जबकि आम व इमली जीवन के खटटे-मीठे स्वाद चखने का प्रतीक होती है।
- गोवा और केरल में कोंकणी समुदाय इसे संवत्सर पड़वा नाम से मनाते हैं।
- कर्नाटक में यह पर्व युगादी नाम से मनाया जाता है।
- आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में गुड़ी पड़वा को उगादी नाम से जाना जाता है।
- कश्मीरी हिन्दू इस दिन को नवरेह के तौर पर मनाते हैं।
- मणिपुर में इस दिन को सजिबु नोंगमा पानबा या मेइतेई चेइराओबा के नाम से जाना जाता है।
-इसी दिन से चैत्र नवरात्र की भी शुरूआत होती है।
गुड़ी पड़वा के दिन लोग अपने घरों की सफाई कर रंगोली और तोरण द्वार बनाकर सजाते हैं। घर के आगे एक गुड़ी यानि झंडा रखा जाता है। इसके अलावा एक बर्तन पर स्वास्तिक चिन्ह बनाकर उस पर रेशम का कपड़ा लपेट कर उसे रखा जाता है। इस दिन सूर्यदेव की आराधना के साथ ही सुंदरकांड, रामरक्षा स्त्रोत और देवी भगवती के मंत्रों का जाप करने की भी परंपरा है।
दक्षिण भारत में गुड़ी पड़वा का त्यौहार काफी लोकप्रिय है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक सतयुग में दक्षिण भारत में राजा बालि का शासन था। जब भगवान श्री राम को पता चला की लंकापति रावण ने माता सीता का हरण कर लिया है तो उनकी तलाश करते हुए जब वे दक्षिण भारत पहुंचे तो यहां उनकी उनकी मुलाकात सुग्रीव से हुई। सुग्रीव ने श्रीराम को बालि के कुशासन से अवगत करवाते हुए उनकी सहायता करने में अपनी असमर्थता जाहिर की। इसके बाद भगवान श्री राम ने बालि का वध कर दक्षिण भारत के लोगों को उसके आतंक से मुक्त करवाया। मान्यता है कि वह दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का था। इसी कारण इस दिन गुड़ी यानि विजय पताका फहराई जाती है।
मराठी और कोंकणी हिन्दुओं के लिए गुड़ी पड़वा का विशेष महत्व है। इस दिन को वे नए साल का पहला दिन मानते हैं. गुड़ी का अर्थ होता है 'विजय पताका' और पड़वो यानी कि 'पर्व'। इस पर्व को 'संवत्सर पड़वो' के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन से मराठी संवत्सर यानी नए साल की शुरुआत होती है।