Happy Children’s Day 2019 Quotes, Wishes Images, Greeting Card, Status, Messages, Wallpapers: जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक धनी कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता, मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील और एक प्रभावशाली राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे। नेहरू परिवार उनकी अधिकांश प्रथाओं में अभिजात्य था और अंग्रेजी बोली और प्रोत्साहित की जाती थी। उनके पिता, मोतीलाल नेहरू ने घर पर अपने बच्चों की शिक्षा की निगरानी के लिए अंग्रेजी और स्कॉटिश शिक्षकों की नियुक्ति की। जवाहरलाल नेहरू साम्राज्यवाद-विरोधी नीति के समर्थक थे। उन्होंने दुनिया के छोटे और उपनिवेश राष्ट्रों की स्वतंत्रता के लिए अपना समर्थन बढ़ाया। वह गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के प्रमुख वास्तुकारों में से एक थे।
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यह हर साल 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। बच्चे नेहरू जी को चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। उन्होंने बच्चों की शिक्षा पूरी करने की वकालत की थी। बच्चे राष्ट्र को मजबूत बनाते हैं। कोई सोच सकता है कि ये छोटे बच्चे राष्ट्र को कैसे बदल सकते हैं। हां, वे कर सकते हैं, क्योंकि आज के बच्चे कल के जिम्मेदार नागरिक हैं।
1919 में, नेहरू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए जो अंग्रेजों से अधिक स्वायत्तता के लिए लड़ रहे थे। वह संगठन के नेता मोहनदास गांधी से काफी प्रभावित थे। 1920 और 1930 के दशक के दौरान नेहरू को बार-बार अंग्रेजों ने सविनय अवज्ञा के लिए जेल में डाल दिया। 1928 में, वे कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। 15 अगस्त 1947 को नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 1964 में अपनी मृत्यु तक पद संभाला था। पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चों को प्यार और ध्यान देना चाहिए क्योंकि वे एक राष्ट्र के भविष्य के वाहक होते हैं।
नेहरू जी की बोली बातें आप इस नेहरू जयंती के मौके पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को मैसेज और कोट्स भेजकर संदेश भेजें।
1. संकट और गतिरोध जब वे होते हैं तो कम से कम उनका एक फायदा होता है कि वे हमें सोचने पर मजबूर करते हैं।
2. जो व्यक्ति भाग जाता है वह शांत बैठे व्यक्ति की तुलना में अधिक खतरे में पड़ जाता है।
3. मैं पूर्व और पश्चिम का अनूठा मिश्रण बन गया हूँ, हर जगह बेमेल सा , घर पर कहें का नही।।


असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य, और सिद्धांत भूल जाते हैं।।
बाल दिवस पर देश का हर बच्चा चाचा नेहरू को जरूर याद करता है। देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बहुत स्नेह था।
वह बच्चों से प्यार करते थे और कई अवसरों पर, उनकी शिक्षा, कल्याण और राष्ट्र की प्रगति में योगदान पर अपने विचार व्यक्त करते थे।
नेहरू जी के बाल प्रेम की एक कहानी है। एक बार वह अपने घर के बगीचे में टहल रहे थे। तभी एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज आई। उन्होंने देखा तो दो माह का बच्चा दिखाई दिया।
असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य, और सिद्धांत भूल जाते हैं।।
एक लीडर संकट के समय हमेशा बिना तर्क के कार्य करता हैं और फिर अपने द्वारा किये गए कार्यों के लिए तर्क खोजता हैं।।
बाल दिवस पर देश का हर बच्चा चाचा नेहरू को जरूर याद करता है। देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बहुत स्नेह था।
15 अगस्त 1947 को नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 1964 में अपनी मृत्यु तक पद संभाला था। पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चों को प्यार और ध्यान देना चाहिए क्योंकि वे एक राष्ट्र के भविष्य के वाहक होते हैं।
आओ बच्चो संकल्प लो इस बाल दिवस तुम कोई ऐसा काम करोगेजिससे तुम अपने देश का ऊंचा नाम करोगे।
Happy Children's Day 2019
हम भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर बाल दिवस मनाते हैं। वह एक अनुभवी स्वतंत्रता सेनानी और एक प्रमुख राजनीतिज्ञ होने के अलावा, उन्होंने भारत के बच्चों के साथ बहुत करीबी रिश्ता साझा किया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चों को प्यार और ध्यान देना चाहिए क्योंकि वे एक राष्ट्र के भविष्य के वाहक होते हैं। दुनिया भर में, विभिन्न देश बाल दिवस मनाते हैं। हालांकि, सार्वभौमिक रूप से, बाल दिवस 20 नवंबर को होता है।
वह बच्चों से प्यार करते थे और कई अवसरों पर, उनकी शिक्षा, कल्याण और राष्ट्र की प्रगति में योगदान पर अपने विचार व्यक्त करते थे। उनका मत था कि बच्चे एक राष्ट्र के भविष्य हैं।
एक नेता या कर्मठ व्यक्ति संकट के समय लगभग हमेशा ही अवचेतन रूप में कार्य करता है और फिर अपने किये गए कार्यों के लिए तर्क सोचता है।
एक लीडर संकट के समय हमेशा बिना तर्क के कार्य करता हैं और फिर अपने द्वारा किये गए कार्यों के लिए तर्क खोजता हैं।।
संकट और चुनौतियों का कम से एक फायदा यह होता हैं कि वह हमें सोचने पर मजबूर करते हैं।।
असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य, और सिद्धांत भूल जाते हैं।।
मैं पूर्व और पश्चिम का अनूठा मिश्रण बन गया हूँ, हर जगह बेमेल सा , घर पर कहें का नहीं।।