Childrens Day 2019 Essay, Speech, Bhashan, Quotes, Nibandh, Poems: भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल की जंयती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत को आजादी मिलने के बाद पंडित नेहरू ही देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। उन्हें बच्चों से बेहद लगाव था। बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को पंडित नेहरू ने ही जागरुक किया जाता था और इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में चुना गया। उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना की थी।
कब मिली थी इस दिन को मान्यता
बाल दिवस की नींव 1925 में रखी गई थी, जिसके बाद 1953 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली। यूएन ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की लेकिन यह अन्य देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। कई देशों में आज भी 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। 1950 से कई देशों में बाल संरक्षण दिवस (1 जून) पर ही बाल दिवस मनाया जाता है, जिसे वर्ल्ड चिल्ड्रन डे के नाम से जाना जाता है। यह दिन बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी मूल जरूरतों को पूरा करने की याद दिलाता है।
इस भाषण को देकर बच्चों का मार्गदर्शन करें शिक्षक
बाल दिवस की सभी विद्धार्थियों को शुभकामनाएं। आदरणीय पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन और बाल दिवस पर हम सभी यहां एकत्र हुए हैं। बच्चों के विकास और कल्याण के लिए काम करने वाले नेहरू जी को आज सारा देश याद कर रहा है। आज हम आपके साथ कुछ शेयर करना चाहते हैं। बचपन जीवन का आनंददायक चरण होता है और साथ ही इसे एक संवेदनशील चरण भी माना जाता है। आज के समय में बच्चों के खिलाफ कई अपराध हो रहे हैं। हम और आप सभी को जीवन में हर पल पर सावधान रहना चाहिए चाहे आप घर पर हो या स्कूल में हों।
आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि हम आज यहां हैं क्योंकि आप सभी ने आपको सभी को मार्गदर्शन करने के लिए प्रेरित किया है। शिक्षक केवल ज्ञान होने के कारण शिक्षक नहीं बनते बल्कि छात्र भी हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप समझते हैं कि हम आपके लिए क्या महत्व रखते हैं। हमें कहते हुए गर्व है कि यहां मौजूद प्रत्येक छात्र में कुछ ना कुछ क्षमताएं छिपी हैं जिन्हें आपको पहचानना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।
बच्चों के लिए स्पीच
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, अध्यापक व अध्यापिकाएं और मेरे प्यारे साथियों को बाल दिवस की शुभकाममाएं। चाचा नेहरू के जन्मदिन पर हमें उनके पदचिन्हों पर चलने की कोशिश करनी चाहिए और देश को आगे बढ़ाने में योगदान देना चाहिए। उन्होंने इस देश को विकसित बनाने के लिए बच्चों की शिक्षा, अधिकारों और उनके विकास का सपना देखा था। वह हमेशा कठिन परिश्रम करने के लिए बच्चों को प्रेरित करते थे। बच्चों को उनके संपूर्ण अधिकार प्राप्त हो सके इसके लिए उन्होंने बहुत परिश्रम किए। हमें उनके योगदान को याद रखना चाहिए।
भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों और छात्रों द्वारा बड़े चाव और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह बच्चों द्वारा की जाने वाली बहुत सारी घटनाओं और गतिविधियों के साथ मनाया जाता है। स्कूल की इमारतों को बहुरंगा पेंट, रंगीन गुब्बारे और अन्य सजावटी सामग्री से सजाया जाता है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से प्यार करते थे। इसलिए बच्चे भी उससे प्यार करते थे। यही वजह है कि बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। जब चाचा नेहरू जीवित थे, बच्चों ने उन्हें रेड रोज गिफ्ट किया था क्योंकि चाचाजी हमेशाअपने कोट में ताजा गुलाब लगाते थे। उनकी मृत्यु के बाद, उनकी याद में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाने लगा। ऐसा इसलिए क्योंकि वह बच्चों के बेहद करीब थे।
पं. जवाहर लाल नेहरू बच्चों को बहुत स्नेह करते थे। बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहते थे। देश इसी वजह से 14 नवंबर यानी पं नेहरू के जन्मदिन के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाता है। पं. नेहरू में राष्ट्र निर्माण की भावना, विश्व बंधुत्व की लालसा, अहिंसा वह देश के उत्थान को लेकर चिंता रहती थी।
कई देशों में अलग-अलग तिथियों पर बाल दिवस मनाया जाता है, लेकिन भारत में, यह हर साल 14 नवंबर को पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। दरअसल 14 नवंबर पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती है जो पूरे भारत में हर साल बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जबकि 20 नवंबर को सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बाल दिवस 14 नवंबर के दिन मनाया जाता है क्योंकि यह पंडित जवाहरलाल नेहरू की जन्म तिथि था। पंडित जवाहरलाल नेहरू छोटे बच्चों से प्यार करते थे और छोटे बच्चे भी पंडित जवाहर लाल नेहरू से प्यार करते थे और उन्हें प्यार से चाचा नेहरू बुलाते थे। बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में सभी बच्चों का कल्याण बढ़ाना है। यह देश के प्रति बच्चों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
पं. जवाहर लाल नेहरू बच्चों को बहुत स्नेह करते थे। बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहते थे। देश इसी वजह से 14 नवंबर यानी पं नेहरू के जन्मदिन के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाता है। पं. नेहरू में राष्ट्र निर्माण की भावना, विश्व बंधुत्व की लालसा, अहिंसा वह देश के उत्थान को लेकर चिंता रहती थी।
पं. जवाहर लाल नेहरू बच्चों और युवाओं को अत्यधिक स्नेह और महत्व दिया करते थे। इसी कारण बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा करते थे। यही वजह है कि 14 नवंबर यानी पं नेहरू के जन्मदिन के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पं. नेहरू में राष्ट्र निर्माण की भावना, विश्व बंधुत्व की लालसा, अहिंसा वह देश के उत्थान को लेकर चिंता रहती थी।
कई देशों में अलग-अलग तिथियों पर बाल दिवस मनाया जाता है, लेकिन भारत में, यह हर साल 14 नवंबर को पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। दरअसल 14 नवंबर पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती है जो पूरे भारत में हर साल बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जबकि 20 नवंबर को सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
नेहरू जी के बाल प्रेम की एक कहानी है। एक बार वह अपने घर के बगीचे में टहल रहे थे। तभी एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज आई। उन्होंने देखा तो दो माह का बच्चा दिखाई दिया। नेहरूजी ने सोचा- इसकी मां कहां होगी? कहीं कोई नजर नहीं आया। नेहरूजी सोच ही रहे थे कि बच्चा तेज रोने लगा। इस पर उन्होंने उस बच्चे को उठाकर बांहों में लिया और उसे थपकियां दीं, झुलाया तो बच्चा चुप हो गया और मुस्कुराने लगा। बच्चे की मां ने जब प्रधानमंत्री की गोद में अपने बच्चे को देखा तो आंखों से आंसू निकल आए।
पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों के सच्चे दोस्त थे। उन्हें बच्चों के साथ बातें करना और खेलना बहुत पसंद था। वह भारत के प्रधान मंत्री थे लेकिन देश के प्रति अपनी सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों का पालन करते हुए बच्चों के बीच रहना पसंद करते थे। वह बहुत कोमल दिल के व्यक्ति थे, हमेशा बच्चों को देशभक्त और खुशहाल नागरिक होने के लिए प्रेरित करते थे। बच्चे उन्हें प्यार और स्नेह के कारण चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे।
दरअसल 14 नवंबर पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती है जो पूरे भारत में हर साल बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जबकि 20 नवंबर को सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था और उनका मानना था कि बच्चे देश के भावी निर्माता हैं। अगर हम अपने भविष्य की रक्षा करना चाहते हैं, तो इन बच्चों का भविष्य बेहतर बनाना हम सभी का कर्तव्य होना चाहिए। बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए, हमारे देश ने उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में पहचानना शुरू किया।
पं. जवाहर लाल नेहरू बच्चों और युवाओं को अत्यधिक स्नेह और महत्व दिया करते थे। इसी कारण बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा करते थे। यही वजह है कि 14 नवंबर यानी पं नेहरू के जन्मदिन के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पं. नेहरू में राष्ट्र निर्माण की भावना, विश्व बंधुत्व की लालसा, अहिंसा वह देश के उत्थान को लेकर चिंता रहती थी।
आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तो,
आप सभी को बाल दिवस की शुभकामनाएं! जैसा कि आप सभी को ज्ञात है हम सभी आज यहां बाल दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। आइए जानते हैं कि हम 14 नवंबर को ही बाल दिवस क्यों मनाते हैं। दरअसल आज ही के दिन बच्चों के प्यार चाचा नेहरू का जन्मदिन होता है। इसीलिए पूरा देश उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू बुलाते थे।
बाल दिवस की सभी विद्धार्थियों को शुभकामनाएं। आदरणीय पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन और बाल दिवस पर हम सभी यहां एकत्र हुए हैं। बच्चों के विकास और कल्याण के लिए काम करने वाले नेहरू जी को आज सारा देश याद कर रहा है। आज हम आपके साथ कुछ शेयर करना चाहते हैं। बचपन जीवन का आनंददायक चरण होता है और साथ ही इसे एक संवेदनशील चरण भी माना जाता है। आज के समय में बच्चों के खिलाफ कई अपराध हो रहे हैं। हम और आप सभी को जीवन में हर पल पर सावधान रहना चाहिए चाहे आप घर पर हो या स्कूल में हों।
बाल दिवस की नींव 1925 में रखी गई थी, जिसके बाद 1953 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली। यूएन ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की लेकिन यह अन्य देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। कुछ देशों में आज भी 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। 1950 से कई देशों में बाल संरक्षण दिवस (1 जून) पर ही बाल दिवस मनाया जाता है, जिसे वर्ल्ड चिल्ड्रन डे के नाम से जाना जाता है। यह दिन बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी मूल जरूरतों को पूरा करने की याद दिलाता है।
बाल दिवस का दिन आया है,
बच्चों के लिए खुशियां लाया है.
आओ मिलकर सब इसे मनाएं,
लोगों को बाल अधिकारों की बात बताएं
सब तक यह संदेश पहुंचाकर,
देश को और भी खुशहाल बनाए.
14 नवंबर को आता है यह दिन,
जो है चाचा नेहरु का जन्मदिन.
जिन्होंने सबको शांति का मार्ग दिखाया,
विश्व को शांति का पाठ पढ़ाया.
बाल अधिकारों को समर्पित है यह दिन,
जिसके लिए हमें काम करना है हर दिन.
आओ मिलकर लोगों तक यह संदेश पहुचाएं,
लोगों में बाल अधिकारों की ललक जगाएं.
क्योंकि देश तभी खुशहाल बनेगा,
बच्चा-बच्चा अपना अधिकार जानेगा।
पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से प्यार करते थे। इसलिए बच्चे भी उससे प्यार करते थे। यही वजह है कि बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। जब चाचा नेहरू जीवित थे, बच्चों ने उन्हें रेड रोज गिफ्ट किया था क्योंकि चाचाजी हमेशाअपने कोट में ताजा गुलाब लगाते थे। उनकी मृत्यु के बाद, उनकी याद में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाने लगा। ऐसा इसलिए क्योंकि वह बच्चों के बेहद करीब थे।
बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन को हमारे पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरू की जन्मतिथि के निशान के रूप में मनाया जाता है। जवाहर लाल नेहरू को बच्चों के प्रति दिल में बहुत लगाव और प्यार था और बच्चे भी पंडित नेहरू के बहुत करीब थे। बच्चों ने उन्हें "चाचा नेहरू" की उपाधि दी थी। बच्चों और पंडित के बीच गहरे प्रेम और स्नेह के कारण उनकी (14 नवंबर) जयंती को बाल दिवस के रूप में चुना गया था, और यह पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद 1964 से प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चों को प्यार और ध्यान देना चाहिए क्योंकि वे एक राष्ट्र के भविष्य के वाहक होते हैं। उन्होंने बच्चों को देश की असली ताकत समझा। वह दोनों लिंगों के बच्चों को समान रूप से प्यार करते थे और राष्ट्र के वास्तविक विकास के लिए दोनों को समान अवसर देने में विश्वास करते थे। बच्चों के प्रति उनका सच्चा प्यार चाचा नेहरू के रूप में एक स्थायी नाम पाने का कारण बना। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए, उनकी जयंती 1964 में उनकी मृत्यु के बाद पूरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाई जाती है।
दुनिया भर में 20 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन विभिन्न देशों में इस विशेष अवसर को मनाने के लिए अपना विशेष दिन होता है। हालांकि, सार्वभौमिक रूप से, बाल दिवस 20 नवंबर को होता है। संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को बाल दिवस के रूप में घोषित किया है और इसका उद्देश्य बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देना है और साथ ही बचपन का जश्न मनाना है। यह हर साल 14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। बच्चे नेहरू जी को चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। उन्होंने बच्चों की शिक्षा पूरी करने की वकालत की थी।
हम भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर बाल दिवस मनाते हैं। एक अनुभवी स्वतंत्रता सेनानी और एक प्रमुख राजनीतिज्ञ होने के अलावा, उन्होंने भारत के बच्चों के साथ बहुत करीबी रिश्ता साझा किया। बच्चे भी उनसे प्यार करते थे और उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। जवाहरलाल नेहरू, अपने जीवन के माध्यम से, सभी ने अपनी जाति, पंथ, धर्म, संस्कृति या वित्तीय पृष्ठभूमि के बावजूद बच्चों की प्रशंसा की और प्यार किया।
हम भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर बाल दिवस मनाते हैं। एक अनुभवी स्वतंत्रता सेनानी और एक प्रमुख राजनीतिज्ञ होने के अलावा, उन्होंने भारत के बच्चों के साथ बहुत करीबी रिश्ता साझा किया। बच्चे भी उनसे प्यार करते थे और उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। जवाहरलाल नेहरू, अपने जीवन के माध्यम से, सभी ने अपनी जाति, पंथ, धर्म, संस्कृति या वित्तीय पृष्ठभूमि के बावजूद बच्चों की प्रशंसा की और प्यार किया।
बाल दिवस का हमारे जीवन में एक विशेष महत्व है। भारत में, यह आमतौर पर कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कार्यों का आयोजन करके मनाया जाता है। लेकिन हम इसके मुख्य उद्देश्य को भी नहीं जानते हैं। जबकि बच्चों का दिन बच्चों के हित के लिए समर्पित है, लेकिन भारत में अभी भी बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। बल श्रम अधिनियम कानून के आधार पर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त किया जा रहा है लेकिन अब तक हम उनके विकास को एक पहचान देने में विफल रहे हैं।
बाल दिवस प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है। 14 नवंबर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती है। नेहरू बच्चों के बेहद शौकीन थे। उनका मानना था कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम बच्चों को अत्यंत प्यार, देखभाल और स्नेह के साथ पोषण दें और उन्हें अच्छे इंसान बनने में मदद करें क्योंकि वे हमारे देश का भविष्य हैं। उन्हें चाचा नेहरू के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1964 में उनकी मृत्यु के बाद से 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह उनके और बच्चों के प्रति प्यार को याद करने का एक तरीका है।
दरअसल 14 नवंबर पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती है जो पूरे भारत में हर साल बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जबकि 20 नवंबर को सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों के सच्चे दोस्त थे। उन्हें बच्चों के साथ बातें करना और खेलना बहुत पसंद था। वह भारत के प्रधान मंत्री थे लेकिन देश के प्रति अपनी सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों का पालन करते हुए बच्चों के बीच रहना पसंद करते थे। वह बहुत कोमल दिल के व्यक्ति थे, हमेशा बच्चों को देशभक्त और खुशहाल नागरिक होने के लिए प्रेरित करते थे। बच्चे उन्हें प्यार और स्नेह के कारण चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे।
महान नेता की याद में और बच्चों के प्रति उनके प्यार को सम्मान देने के लिए, 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे कई लोगों द्वारा बाल दिवस के रूप में भी जाना जाता है। दुनिया भर में कई बच्चे अत्याचार से पीड़ित हैं जो असंख्य हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा हो और उनका शोषण ना हो। यह सही कहा गया है कि "भगवान बच्चों के सबसे करीब होते हैं क्योंकि उनके दिल और दिमाग शुद्ध और निर्दोष होते हैं"। पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चों को प्यार और ध्यान देना चाहिए क्योंकि वे एक राष्ट्र के भविष्य के वाहक होते हैं।
बाल दिवस 14 नवंबर के दिन मनाया जाता है क्योंकि यह पंडित जवाहरलाल नेहरू की जन्म तिथि था। पंडित जवाहरलाल नेहरू छोटे बच्चों से प्यार करते थे और छोटे बच्चे भी पंडित जवाहर लाल नेहरू से प्यार करते थे और उन्हें प्यार से चाचा नेहरू बुलाते थे। बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में सभी बच्चों का कल्याण बढ़ाना है। यह देश के प्रति बच्चों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित करता है। बच्चों के जीवन में बाल दिवस का बहुत अधिक महत्व है। बाल दिवस ना केवल मनोरंजन के लिए मनाया जाता है, बल्कि यह पंडित जवाहरलाल नेहरू के विजन और मिशन की भी याद दिलाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू चाहते थे कि हर बच्चा एक अच्छा जीवन जिए और शिक्षित बने।
भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों और छात्रों द्वारा बड़े चाव और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह बच्चों द्वारा की जाने वाली बहुत सारी घटनाओं और गतिविधियों के साथ मनाया जाता है। स्कूल की इमारतों को बहुरंगा पेंट, रंगीन गुब्बारे और अन्य सजावटी सामग्री से सजाया जाता है।
नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था और उनका मानना था कि बच्चे देश के भावी निर्माता हैं। अगर हम अपने भविष्य की रक्षा करना चाहते हैं, तो इन बच्चों का भविष्य बेहतर बनाना हम सभी का कर्तव्य होना चाहिए। बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए, हमारे देश ने उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में पहचानना शुरू किया। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों को बच्चों के प्रति जागरूक करना था ताकि सभी नागरिक अपने बच्चों को सही शिक्षा और सही दिशा में दे सकें ताकि एक सुव्यवस्थित और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण हो सके, जो केवल अच्छे भविष्य पर निर्भर करता है बच्चों की।
बाल दिवस एक सामान्य दिन नहीं है, यह हमारे देश की भावी पीढ़ियों के अधिकारों का ज्ञान देने के लिए निर्धारित एक विशेष दिन है। भारत जैसे विकासशील देश में, इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि उभरती हुई अर्थव्यवस्था के कारण हमेशा बाल श्रम और बाल अधिकारों के शोषण की घटना होती है। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि न केवल बच्चे बल्कि उनके माता-पिता भी बच्चों के मौलिक अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी दें और उन्हें इस विषय में अधिक से अधिक जागरूक बनाने का प्रयास करें।
बाल दिवस का हमारे जीवन में एक विशेष महत्व है। भारत में, यह आमतौर पर कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कार्यों का आयोजन करके मनाया जाता है। लेकिन हम इसके मुख्य उद्देश्य को भी नहीं जानते हैं। जबकि बच्चों का दिन बच्चों के हित के लिए समर्पित है, लेकिन भारत में अभी भी बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। बल श्रम अधिनियम कानून के आधार पर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त किया जा रहा है लेकिन अब तक हम उनके विकास को एक पहचान देने में विफल रहे हैं।
नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था और उनका मानना था कि बच्चे देश के भावी निर्माता हैं। अगर हम अपने भविष्य की रक्षा करना चाहते हैं, तो इन बच्चों का भविष्य बेहतर बनाना हम सभी का कर्तव्य होना चाहिए। बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए, हमारे देश ने उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में पहचानना शुरू किया। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों को बच्चों के प्रति जागरूक करना था ताकि सभी नागरिक अपने बच्चों को सही शिक्षा और सही दिशा में दे सकें ताकि एक सुव्यवस्थित और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण हो सके, जो केवल अच्छे भविष्य पर निर्भर करता है बच्चों की।
बाल दिवस प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है। 14 नवंबर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती है। नेहरू बच्चों के बेहद शौकीन थे। उनका मानना था कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम बच्चों को अत्यंत प्यार, देखभाल और स्नेह के साथ पोषण दें और उन्हें अच्छे इंसान बनने में मदद करें क्योंकि वे हमारे देश का भविष्य हैं। उन्हें चाचा नेहरू के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1964 में उनकी मृत्यु के बाद से 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह उनके और बच्चों के प्रति प्यार को याद करने का एक तरीका है।
भारत में, बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि यह दिन महान स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती होती है। नेहरू जी वो थे जो अपने अधिकांश कीमती पल बच्चों और उनकी मासूमियत के साथ बिताना पसंद करते थे। यह वह दिन है जिसमें बच्चों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने और चाचा नेहरू के आदर्शों पर चलने की शिक्षा देने की याद दिलाता है। बाल दिवस को हर जगह अलग-अलग तरीकों से सेलिब्रेट किया जाता है। मई 1964 में नेहरू जी की मृत्यु के बाद, 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाने लगा।