आज के समय में अधिकतर लोग बालों की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए रिबॉन्डिंग, स्मूदनिंग या केराटिन ट्रीटमेंट करवाते हैं। इससे उनके बाल अधिक सॉफ्ट, शाइनी, स्ट्रेट और हेल्दी दिखते हैं। हालांकि, इस तरह का ट्रीटमेंट करवाने के बाद आपको बालों की खास देखभाल की भी जरूरत होती है। गौरतलब है कि इन तीनों ही चीजों में आपके बालों पर कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में ट्रीटमेंट लेने के बाद गलत हेयर केयर की वजह से इनका असर कम होने लगता है और कई बार तो बाल डैमेज होकर झड़ने भी लगते हैं। ऐसे में आपको अपने हेयर्स की खास केयर करने की जरूरत होती है।
रिबॉन्डिंग, स्मूदनिंग या केराटिन करने के बाद आपको शैम्पू से लेकर हेयर मास्क, हेयर सीरम जैसी कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। वहीं, इस दौरान कई लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या बालों पर ये ट्रीटमेंट लेने के बाद तेल लगाया जा सकता है? क्या तेल लगाने से बाल खराब तो नहीं हो जाएंगे या ना लगाने पर रूखे होकर झड़ने तो नहीं लगेंगे? अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं सवालों का जवाब दे रहे हैं।
दरअसल, अधिकतर लोग मानते हैं कि रिबॉन्डिंग, स्मूदनिंग या केराटिन के बाद तेल लगाने से बालों पर मौजूद कैमिकल तेल के साथ बाहर आने लगता है। इससे बाल कम समय में ही पहले जैसे होकर डैमेज दिखने लगते हैं। हालांकि, अब हेयर एक्सपर्ट जावेद हबीब (Jawed Habib) ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर तेल को लेकर लोगों के मन में अक्सर आने वाली इस कंफ्यूजन को दूर किया है।
वीडियो में जावेद हबीब ने बालों में इस तरह के महंगे ट्रीटमेंट लेने के एक हफ्ते तक तेल ना लगाने की सलाह दी है। साथ ही हेयर एक्सपर्ट ने बताया कि एक हफ्ता बीत जाने के बाद ऑयलिंग कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको एक बात का ध्यान रखना जरूरी है। ध्यान रहे की आप जड़ों की रफ मसाज ना करें। यानी हल्के हाथों से सिर पर तेल लगाएं। इससे आपके बाल हेल्दी रहते हैं और टूटते नहीं हैं।
रिबॉन्डिंग, स्मूदनिंग या केराटिन में क्या है अंतर?
रिबॉन्डिंग
रिबॉन्डिंग ज्यादातर कर्ली या थिक बालों पर कराई जाती है। इस तरह के ट्रीटमेंट के बाद मोटे और उलझे-उलझे बाल भी सोफ्ट और एक दम सीधे हो जाते हैं। वहीं, इस ट्रीटमेंट का असर आपके बालों पर करीब 1 साल तक रहता है लेकिन रिबॉन्डिंग का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इस प्रोसेस में केमिकल्स को आपके बालों के अंदर तक लगाया जाता है। ये केमिकल्स हेयर स्ट्रक्चर और नेचुरल बॉन्ड को तोड़ते हैं, जिससे बाल काफी कमजोर हो जाते हैं। इसके बाद बालों को आयरन रॉड की मदद से तेज हीट भी दी जाती है। इस प्रक्रिया में लगभग चार-पांच घंटे लगते हैं। वहीं, क्योंकि इसमें हाई टेंपरेचर के कारण बालों के हर बॉन्ड को रिस्ट्रक्चर किया जाता है, इसलिए इसे रिबॉन्डिंग कहा जाता है।
स्मूदनिंग
स्मूदनिंग भी बालों को सोफ्ट और एक दम सीधा करने का काम करती है। ये ज्यादातर उन महिलाओं के लिए है, जिनके बाल पहले से ही स्ट्रेट हैं, वेवी हैं या पतले बाल हैं। स्मूदनिंग एक तरह से रिबॉन्डिंग का लाइट वर्जन है। इस प्रक्रिया में भी बालों पर कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह बालों को उतना नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। साथ ही रिबॉन्डिंग के मुकाबले स्मूदनिंग के दौरान बालों को कम हीट दी जाती है, जो हेयर्स को लंबे समय तक हेल्दी रखते हैं। अगर आपके बाल पतले, सीधे या वेवी हैं तो इनपर स्मूदनिंग का असर 2 सालों तक भी रह सकता है।
केराटिन
केराटिन बालों पर किया जाने वाला एक नेचुरल हेयर ट्रीटमेंट है। इसे करने के लिए बालों पर नेचुरल प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जो रूखे, बेजान हो चुके बालों में नई जान डालने का काम करते हैं। केराटिन ट्रीटमेंट के दौरान बालों पर प्रोटीन की लेयर चढ़ाई जाती है, जिससे ना केवल फ्रिजी बालों से छुटाकारा मिलता है, बल्कि आपके हेयर्स अधिक चमकदार और हेल्दी लगने लगते हैं।