Happy Gurpurab Guru Gobind Singh Jayanti 2019 Wishes Images, Quotes, SMS, Messages, Greetings: गुरु गोबिंद सिंह को ज्ञान, सैन्य क्षमता और दूरदृष्टि का सम्मिश्रण माना जाता है। उनका जन्म पटना साहिब में हुआ था और वहां उनकी याद में एक खूबसूरत गुरुद्वारा भी निर्मित किया गया है। वे सिखों के 10वें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने ही साल 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया।
गुरु गोबिंद सिंह जयंती के अवसर पर, भारत में रहने वाले सिख लोग और वो सब जो की गोबिंद सिंहजी को मानते हैं और उन्हें याद करते हैं, खुद की और दूसरों की उन्नति की प्रार्थना करते हैं। गोबिंद सिंह जी द्वारा लिखी गई कविताओं को सुनते हैं, उनकी उपलब्धियों के लिए उनकी सराहना करते हैं, ख़ास भोजन बनाते हैं और उसे सब में बांटते हैं और भारतीय शहरों में परेड और जुलूस निकालते हैं। गुरु जी के जन्मदिवस के पावन मौके पर आप अपने चाहने वालों को कई तरह के मैसेज भेज सकते हैं।
किसी ने पूछा तेरा कारोबार कितना है
किसी ने पूछा तेरा परिवार कितना है
कोई विरला ही पूछता है
तेरे गुरु नाल प्यार कितना है
गुरु की कृपा से आप अपने जिंदगी की सभी लक्ष्यों को हासिल करें
गुरुपर्व की बधाईयां…
हम सभी एक साथ मिलकर गुरु गोबिंद सिंह की जयंती
और प्रकाश उत्सव सेलिब्रेट करें
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की बधाईयां…
गुरु गोबिंद सिंह की धार्मिक बातों से आपका रास्ता जगमगाए
हैप्पी, गुरु गोबिंद सिंह जयंती…
इस पावन अवसर पर गुरु की कृपा से आप पर खुशियों और सफलता की बौछार होती रहे।
गुरु गोविंद सिंह जयंती टू ऑल….
हैप्पी, गुरु गोबिंद सिंह जयंती…
उम्मीद है कि गुरु गोबिंद सिंह के उपदेश
आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेंगे
उनका आशीर्वाद आप बन बना रहे जो भी आप करना चाहते हैं
दिले से सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं….
सिख होने के नाते आप कभी यह नहीं भूल सकते हैं
कि आपको समाज की भलाई के लिए काम करना है
हमेशा अच्छा करें
भले ही इसमें आपकी पूरी उम्र गुजर जाए
गुरुपर्व की दिल से बधाई….
Highlights
देश की राजधानी नई दिल्ली में शनिवार (12 जनवरी, 2019) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिखों के 10वें गुरु गुरु नानक देव की जयंती पर उनका स्मारक सिक्का जारी किया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद रहे।
सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से,
भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं.
गुरु के ज्ञान से आपके अंदर अच्छाइयों का समावेश हो
आपके जीवन में खुशहाली और समृद्धि आए
गुरुपर्व की बधाईयां...
अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है,
वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है.
भगवान तक पहुंचने के लिए प्रेम ही एक माध्यम है
तो चलिए उनके कहे शब्दों का अनुसरण करके उनका जन्मदिन मनाएं
सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह की आज (13 जनवरी, 2019) 352वीं जयंती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस खास मौके पर एक स्मारक सिक्का जारी करेंगे। 2017 में भी उन्होंने बिहार की राजधानी पटना में गुरु गोबिंद सिंह की 350वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। पीएम ने तब डाक टिकट जारी किया था।
गुरु गोबिंद सिंह को ज्ञान, सैन्य क्षमता और दूरदृष्टि का सम्मिश्रण माना जाता है। उनका जन्म पटना साहिब में हुआ था और वहां उनकी याद में एक खूबसूरत गुरुद्वारा भी निर्मित किया गया है।
गुरु गोबिंद सिंह की गिनती महान लेखकों और रचनाकारों में होती है। उन्होंने 'जाप' साहिब, 'अकाल उस्तत', 'बिचित्र नाटक', 'चंडी चरित्र', 'शास्त्र नाम माला', 'अथ पख्यां चरित्र लिख्यते', 'ज़फ़रनामा' और 'खालसा महिमा' जैसी रचनाएं लिखीं। 'बिचित्र नाटक' को उनकी आत्मकथा माना जाता है, जोकि 'दसम ग्रन्थ' का एक भाग है।
गुरु गोबिंद सिंह जी ने जीवन जीने के लिए पांच सिद्धांत भी दिए, जिन्हें 'पांच ककार' कहा जाता है। पांच ककार का मतलब 'क' शब्द से शुरू होने वाली उन 5 चीजों से है, जिन्हें गुरु गोबिंद सिंह के सिद्धांतों के अनुसार सभी खालसा सिखों को धारण करना होता है। गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के लिए पांच चीजें अनिवार्य की थीं- 'केश', 'कड़ा', 'कृपाण', 'कंघा' और 'कच्छा'।
खालसा पंथ की की रक्षा के लिए गुरु गोबिंग सिंह जी मुगलों और उनके सहयोगियों से लगभग 14 बार लड़े। उन्होंने ही साल 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया।
गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के 10वें गुरु थे। इन्होंने ही सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) को पूरा किया। साथ ही गोबिंद सिंह जी ने खालसा वाणी - "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह" भी दी।
जो लोग गोबिंद सिंहजी को मानते हैं और उन्हें याद करते हैं, खुद की और दूसरों की उन्नति की प्रार्थना करते हैं। गोबिंद सिंह जी द्वारा लिखी गई कविताओं को सुनते हैं, उनकी उपलब्धियों के लिए उनकी सराहना करते हैं, ख़ास भोजन बनाते हैं और उसे सब में बांटते हैं और भारतीय शहरों में परेड और जुलूस निकालते हैं।
गुरु गोविंद सिंह सिखों के 10वें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने ही साल 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया।