Food Tourism: भारत में आप जहां भी जाएं वहां आपको एक स्पेशल टेस्ट मिलेगा और इसलिए दुनियाभर में फेमस है यहां का जायका जैसे कि पहाड़ की ये चाय। दरअसल, पहाड़ों वाली ये चाय उत्तरकाशी समेत कई पहाड़ी जगहों पर फेमस है। दरअसल, इस चाय को बनाने का तरीका ही इसके स्वाद को अलग बनाता है। इसे यहां लोग सिर्फ स्वाद के लिए नहीं पीते बल्कि इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक के रूप में भी पीते हैं। इसके अलावा ये सिर दर्द और मतली जैसी समस्याओं को भी कम करने में मददगार है। तो आइए, जानते हैं उत्तरकाशी की इस चाय की खास बात।

क्या खास है इस चाय में

इस चाय की खास बात है इसकी रेसिपी में जो कि इसके टेस्ट को बढ़ाती है। साथ ही सिलबट्टे पर इसका मसाला बनाना और चीनी का इस्तेमाल न करना। तो इस चाय को बनाने के लिए आपको सबसे पहले करना ये है कि इसकी सामग्री तैयार करें। इसके लिए
-अदरक
-तुलसी
-पुदीना
-इलायची
-लौंग
-गुड़
-दूध
-चायपत्ती
-पानी

सिलबट्टे पर कैसे बनता है इस चाय का मसाला

तो आपको अदरक, तुलसी की कुछ पत्तियां, पुदीना, इलायची और लौंग लें और इसे सिलबट्टे पर रखकर पीस लें। अब इसके बाद चाय बनाएं।

पहाड़ी चाय बनाने का तरीका-How to make pahadai
पहाड़ी चाय बनाने के लिए आपको करना ये है कि
-सबसे पहले तो पैन में 1 कप पानी डालें और फिर इन मसालों का दरदरा पेस्ट डालें।
-इसमें एक उबाल लें और फिर इसमें चाय पत्ती डालकर पकाएं।
-जब ये पक जाए तो इसमें गुड़ डालें।
-अब गुड़ अच्छी तरह के पक जाने के बाद जब चाय से खुशबू आने लगे तो इसमें दूध मिलाएं।
-अब तुरंत गैस ऑफ करें, चाय को ढक दें।

ध्यान देने वाली बात-

पहाड़ी चाय में आप गुड़ डालने के बाद दूध डालकर इसे पकाने से बचना चाहिए। इसकी वजह ये है आप गुड़ डालने के बाद दूध डालते ही चाय फट सकती है। इसलिए तुरंत बाद इस चाय को छान लें और फिर सर्व करें। इससे टेस्टी चाय आपको कहीं भी पीने को नहीं मिलेगा। तो अगर आप पहाड़ में जाएं तो ये चाय जरूर पिकर आएं। अगर नहीं तो इसे घर में बनाएं और फिर इसे पिएं। इसका टेस्ट आपका मन खुश कर देगा। आप इसे सर्दी-जुकाम और सिर दर्द में भी पी सकते हैं।