Effects of Iodine: डॉक्टरों और एक्सपर्ट के अनुसार नमक में मौजूद आयोडीन हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। आयोडीन शरीर के समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं जब शरीर में आयोडीन की मात्रा सही अनुपात में हो तो यह हमें कई तरह की बीमारियों के खतरे से भी बचाता है। वहीं शरीर में इसकी मात्रा सही अनुपात में नहीं होने पर कई स्वास्थ समस्याएं भी हो जाती हैं।

आयोडीन का महत्व (Importance of Iodine)

आयोडीन शरीर के लिए एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है। साथ ही शरीर में उचित आयोडीन का स्तर प्रजनन और थायरॉयड ग्रंथियों के समुचित कार्य के लिए आवश्यक है। अगर आयोडीन के स्तर में किसी तरह की कमी हो जाए तो न केवल थायरॉइड ग्रंथि अनियमित रूप से काम करेगी बल्कि बांझपन की भी काफी संभावना रहती है।

रोजाना कितना आयोडीन लेना चाहिए

डाक्टरों के अनुसार 18 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों को प्रति दिन 150 एमसीजी आयोडीन की आवश्यकता होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं को गर्भ धारण करने और स्तनपान कराने के लिए आयोडीन एक महत्वपूर्ण कारक है। वहीं आयोडीन की मात्रा ज्यादा कम होने पर बांझपन की संभावना बढ़ जाती है।

आयोडीन की कमी से होने वाली समस्याएं कौन-कौन सी हैं?

शरीर में बहुत अधिक या बहुत कम आयोडीन विभिन्न प्रभाव पैदा कर सकता है। शरीर में आयोडीन मुख्य रूप से गर्भाशय और एंडोमेट्रियम द्वारा अवशोषित होता है। बांझपन तब होता है जब आयोडीन की कमी होती है। वहीं चिकित्सकों के अनुसार शरीर में थायराइड के उचित स्राव के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है।

क्या आयोडीन की कमी से प्रजनन संबंधी समस्याएं होती हैं?

प्रियंका पचौरी, डायटिशियन,कैलाश अस्पताल,सेक्शन 27 नोएडा के अनुसार जब शरीर में आयोडीन की कमी बढ़ जाती है, तो यह पुरुषों में बांझपन और थायरॉयड ग्रंथि की शिथिलता का कारण बनता है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोडीन की कमी से पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की संभावना 70 फीसदी होती है और इसके अलावा सेल काउंट कम होने की संभावना ज्यादा होती है.

समाधान क्या है?

उन्होंने बताया कि शरीर में थायराइड हार्मोन गर्भाशय, वृद्धि और वजन के रखरखाव को नियंत्रित करने वाले कारक हैं। ये सभी सामान्य रूप से श्रम के दौरान बढ़ जाते हैं और आयोडीन की कमी होने पर पुरुषों में सेल की गुणवत्ता में गिरावट आने का खतरा अधिक होता है। इन सभी को ठीक करने के लिए आहार में पर्याप्त आयोडीन सुनिश्चित करना बेहतर होता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि गर्भावस्था के दौरान आयोडीन का स्तर कम न हो।