भारतीय संविधान के जनक, डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। उनके माता-पिता महार जाति के थे, जिन्हें “अछूत” माना जाता था। उन्हें बचपन में एक अच्छी शिक्षा मिली थी और इस वजह से वह खुद को भाग्यशाली मानते थे क्योंकि उनके पिता ब्रिटिश सेना में थे। भीमराव के पिता के सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी, उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 1908 में उत्कृष्ट परिणामों के साथ बॉम्बे विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की। साल 1912 में, भीमराव ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में स्नातक किया। हालांकि उन्हें बड़ौदा में नौकरी मिल गई, फिर भी उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए 1913 में संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए थे।
उन्होंने 1916 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और विदेश में अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की पढ़ाई करने वाले पहले भारतीय बने। संयुक्त राज्य अमेरिका से लौटने पर, बड़ौदा के महाराजा ने डॉ. अंबेडकर को अपना राजनीतिक सचिव नियुक्त किया। भीमराव 1917 में बॉम्बे चले गए और 1920 में एक पाक्षिक समाचार पत्र “मूकनायक” (डंब हीरो) की स्थापना की। अपने जीवनकाल में बाबा साहेब अम्बेडकर ने कई अच्छे कार्य किए थे। उन्होंने कई ऐसी बातें भी बोली थी जो लोगों के लिए काफी प्रेरणात्मक थी। आइए बाबा साहेब अम्बेडकर के कुछ बेहतरीन कोट्स को अपनों के बीच शेयर करते हैं और उनके योगदान को बताते हैं।
1. “एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है।”
2. “बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।”
3. “जीवन लम्बा होने की बजाये महान होना चाहिए।”
4. “किसी भी कौम का विकास उस कौम की महिलाओं के विकास से मापा जाता हैं |”
5. “मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई-चारा सीखाये।”
6. “एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।”
7. “मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है, मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें।”