National Doctor’s Day 2019: Current Theme, History and Objectives : दुनिया के अलग-अलग देशों में डॉक्टर्स डे अलग-अलग दिनों पर मनाया जाता है। भारत में हर वर्ष 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। डॉक्टर्स को जहां नोबेले प्रोफेशन माना जाता है वहीं वक्त के साथ लोगों का भरोसा भी टूटा है। कुछ समय पूर्व हुए एक सर्वे के अनुसार दवाई और बीमा कंपनी के बाद लोग सबसे कम विश्वास अस्पतालों पर करते हैं। दस में से नौ मरीजों को स्वास्थ्य मशीनरी पर विश्वास नहीं है। डॉक्टर, मेडिकल क्लिनिक और प्रयोगशालाओं पर लोगों को अब पहले जितना विश्वास नहीं रहा जिसका एक कारण डॉक्टरों द्वारा बरती जा रही लापरवाही है।

ऑनलाइन हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म जीओक्यू ने अपने सर्वे में बताया था कि भारतीय डॉक्टर्स से ज्यादा भरोसा लोग कलाकार अक्षय कुमार और योगगुरु रामदेव की बातों पर करते हैं।

भारत सरकार द्वारा 1991 में इस विशेष दिन की शुरुआत की गई। देश के प्रसिद्ध डॉक्टरों में से एक डॉ. विधान चंद्र रॉय की जन्म और पुण्यतिथि के दिन उनको सम्मान देने के लिए डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। प्रेम, दयालुता, निःस्वार्थ भाव और त्याग का प्रतीक लाल कार्नेशन फूल डॉक्टर्स डे का चिन्ह होता है क्योंकि इस फूल की सारी खूबियां डॉक्टर्स में होती हैं।

हमारे देश में लोग डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा देते हैं और अपने पेशेंट्स की जान बचाना डॉक्टर्स का कर्तव्य है। परंतु आज के दौर में ना ही डॉक्टर्स और ना आम जनता अपना काम ठीक से कर रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के एक शोध के मुताबिक 75 प्रतिशत डॉक्टर्स वर्कप्लेस पर किसी न किसी दुर्व्यवहार और दुर्घटना के शिकार हुए हैं तो दूसरी तरफ आए दिन डॉक्टरों द्वारा की गई बदसलूकी की खबरें आती रहती हैं। जीओक्यू के विशाल गोंदल के अनुसार इंडियंस अब चुप्पी साधकर नहीं बैठते, सही-गलत से वो भली-भांति परिचित हैं।

दुनिया के दूसरे देशों में डॉक्टर्स डे अलग- अलग दिन मनाया जाता है। जैसे अमेरिका में 30 मार्च को मनाया जाता है जो कि इससे पहले 9 मई को मनाया जाता था। ठीक इसी तरह क्यूबा, ईरान में भी यह दिन अलग-अलग तारीक को मनाया जाता है।