दिवाली के त्योहार में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं। ऐसे में लोगों ने इस पर्व को लेकर अभी से तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं। बाजारों में भी रौशनी के त्योहार को लेकर एक अलग ही रौनक देखने को मिल रही है। हालांकि, जैसे-जैसे पर्व नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सेहत को लेकर भी लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। दरअसल, किसी भी त्योहार के समय खासकर दिवाली पर बाजारों में खानपान में मिलावट की खबरें सामने आने लगती हैं, मुनाफा कमाने के लिए अधिकतर दुकानदार दूध, घी, मावा यहां तक की दालों तक में मिलावट करने लगते हैं। खानपान की इन चीजों में वे ऐसा पदार्थ मिला देते हैं, जिनकी खुली आंखों से पहचान करना बेहद मुश्किल हो जाता है। वहीं, पेट में जाने के बाद ये चीजें सेहत को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती हैं। इसी कड़ी में यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिन्हें आजमाकर आप आसानी से असली और नकली चीजों की पहचान कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे-

दूध

त्योहारों के समय में अधिकतर लोग दूध में पानी मिलाकर बेचते हैं। वहीं, आपके दूध में पानी मिला है या नहीं, इसकी पहचान करने के लिए आप भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी FSSAI द्वारा बताए गए एक आसान तरीके को अपना सकते हैं। इसके लिए एक साफ कांच की स्लाइड या प्लेट पर चम्मच की मदद से दूध की कुछ बूंदे गिरा दें और प्लेट को हल्का नीचे की ओर झुका दें। ऐसा करने पर अगर वो बूंदे तुरंत नीचे की तरफ बह गई हैं, तो समझ जाइए कि उसमें पानी की मिलावट की गई है। वहीं, अगर दूध में मिलावट नहीं की गई होगी, तो वो धीमी गति से स्लाइड पर नीचे जाएगा।

घी

असली और नकली घी की पहचान करने के लिए भी भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा एक आसान तरीका बताया गया है। इसके लिए एक टेस्ट ट्यूब या किसी कांच के गिलास में लगभग दो चम्मच पिघला हुआ घी लेकर इसमें 1/2 चम्मच नमक और एक या दो बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मिला लें। इसके बाद गिलास या टेस्ट ट्यूब को अच्छे से हिलाएं। सब चीजें आपस में मिक्स हो जाने के बाद इसे 20 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। अगर तय समय बाद घी का रंग बदला हुआ दिखता है, तो समझ जाइए कि उसमें मिलावट की गई है। इसका सेवन करने से बचें।

मावा

कई जगहों पर मावा को खोया के नाम से भी जाना जाता है। त्योहार के समय में तरह-तरह की मिठाई बनाने के लिए मावा का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है। ऐसे में आप जो मावा ले रहे हैं, वो शुद्ध है या नहीं, इसकी पहचान करने के लिए 2 ग्राम मावा लेकर इसे 5 मिलीलीटर गर्म पानी में मिला लें। इसके बाद पानी को ठंडा होने के लिए छोड़ दें। जब पानी ठंडा हो जाए, तब इसमें आयोडीन का घोल मिलाएं। ऐसा करने पर अगर मावे में मिलावट की गई होगी तो उसका रंग नीला पड़ जाएगा।

इसके अलावा आप एक और आसान तरीके से असली और नकली मावा की पहचान कर सकते हैं। इसके लिए मावा में थोड़ी सी चीनी डालकर कढ़ाही में गर्म करने के लिए रख दें। अगर थोड़ी देर बाद यह पानी छोड़ने लगे, तो समझ जाएं की ये मिलावटी है।

दाल

दालों की चमक बढ़ाने के लिए दुकानदार अक्सर उनपर पॉलिश कर देते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। ऐसे में दाल लेने से पहले आप उसे थोड़ी मात्रा में लेकर हल्के गुनगुने पानी से करीब 4 से 5 बार धो लें। ऐसा करने पर नकली दाल की पॉलिश निकलकर बाहर आ जाएगी।

चावल

कई बार खबरों में चालवों के साथ प्लास्टिक के चावल मिक्स कर दिए जाने की बात भी सामने आई हैं। इसके अलावा अधिकतर दुकानदार चावल के आटे में चाक पाउडर मिला देते हैं। ऐसे में मिलावटी चावलों की पहचान करने के लिए इन्हें थोड़ी मात्रा में एक कांच की प्लेट में निकाल लें। इसके बाद चावल के दानों पर थोड़ी मात्रा में भीगा हुआ चूना छिड़क दें। ऐसा करते ही मिलावटी चावल का रंग लाल हो जाएगा। इस तरह आप आसानी से असली और नकली चावलों की पहचान कर सकते हैं।