Panchamrit aur Charnamrit: हिंदू धर्म में पंचामृत (Panchamrit) और चरणामृत (Charnamrit) दोनों का ही विशेष महत्व होता है। भगवान सत्यनारायण की कथा हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान इसको प्रसाद स्वरूप बांटा जाता है। इतना ही नहीं जन्माष्टमी पर तो कान्हा को पंचामृत और पंजीरी का भोग भी लगता है। लेकिन क्या आपको पता है पंचामृत और चरणामृत में क्या अंतर होता है, अगर नहीं यहां जानिए इसका जवाब और इन्हें बनाने का तरीका।

क्या होता है पंचामृत ?

जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है पंचामृत यानी ऐसी चीज जिसको बनाने में पांच चीजों का इस्तेमाल किया जाए। इस भोग को बनाने के लिए दूध, दही, शहद, शक्कर और चीनी की जरूरत होती है। इसका प्रयोग जन्माष्टमी पर बाल गोपाल के अभिषेक में होता है।

कैसे बनाएं पंचामृत?

पंचामृत बनाने के लिए सबसे पहले दूध, दही, घी, शहद, शककर चाहिए। सबसे पहले गाय के ताजे दूध में पिसी मिश्री डालें। फिर शहद, दही एवं घी मिक्स करें। सभी चीजों को अच्छी तरह फेंट लें। लास्ट में तुलसी के पत्ते मिलाएं। आपका पंचामृत तैयार है।

क्या होता है चरणामृत?

इसके नाम से भी स्पष्ट होता है चरणामृत यानी भगवान के चरणों का अमृत। शास्त्र में इसे ग्रहण करने को लेकर कई निमय बताए गए हैं।

चरणामृत बनाने की विधि

इसे बनाने के लिए आपको तांबे के बर्तन की जरूरत होगी। तांबे के बर्तन में जल रखने से उसमें तांबे के औषधीय गुण आ जाते हैं। इसके बाद आप इसमें तुलसी का पत्ता डालें। इसे मंदिर में रख दें। इसमें आप गंगाजल भी मिला सकते हैं। आपका चरणामृत तैयार है।

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