महत्त्वपूर्ण चुनौतीपूर्ण कार्य, विशेष परीक्षा या किसी परियोजना की तैयारी के लिए हम सभी को एकाग्रता की आवश्यकता होती है लेकिन ऐसे मौकों पर हम महसूस करते हैं कि इसकी हमारे अंदर बहुत कमी है। एकाग्रता का अर्थ उस मानसिक प्रयास को कहते हैं जो किसी कार्य या सीखने की प्रक्रिया में ध्यान लगाने को निर्देशित करता है। अधिकतर लोग एकाग्रता को कार्य पर ध्यान देने की अवधि के साथ जोड़कर देखते हैं जो सही नहीं है। एकाग्रता प्राप्त करने में अलग-अलग लोगों को अलग-अलग समय लग सकता है। एकाग्रता को बढ़ाने के लिए इन उपायों को अपनाया जा सकता है।
अपने दिमाग को प्रशिक्षित करना : एकाग्रता के लिए हमें अपने दिमाग को प्रशिक्षित करना होता है। इसके लिए हम ऐसे खेलों को खेल सकते हैं जिनमें अधिक एकाग्रता की आवश्यकता होती है। इनमें सुडूको, क्रॉसवर्ड, शतरंज, याददाश्त वाले खेल आदि शामिल हैं। एक अध्ययन के मुताबिक सप्ताह में पांच दिन 15-15 मिनट के लिए इन खेलों में से किसी को खेलने से एकाग्रता बढ़ती है। इतना ही नहीं, मैदानों में खेलने जाने वाले खेल भी एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
अच्छी नींद लें : नींद की कमी की वजह से लोगों की एकाग्रता आसानी से भंग हो जाती है। हर व्यक्ति को अलग-अलग अवधि तक की नींद की आवश्यकता होती है। कुछ लोग छह घंटे की नींद में ही तरोताजा महसूस करते हैं, वहीं कुछ को आठ घंटे से भी अधिक की नींद की आवश्यकता होती है। सबसे पहले अपनी नींद की जरूरत को पहचानें और फिर उसके मुताबिक नींद लें। रात में नींद पूरी नहीं हुई है तो दिन में कुछ समय सोकर इसे पूरा कर लेने से भी एकाग्रता में बढ़ोतरी हो जाती है।
व्यायाम करें : हम सभी जानते हैं कि शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए व्यायाम सबसे जरूरी चीज है लेकिन इसके बाद भी हम इसपर ध्यान नहीं देते हैं। एकाग्रता के लिए कोई विशेष व्यायाम नहीं होता है लेकिन व्यायाम से मानसिक तौर पर मजबूती मिलती है जो एकाग्रता के लिए आवश्यक है। अगर आपके पास व्यायाम के लिए समय नहीं है तो अपने काम के बीच में टहलने का समय निकाल सकते हैं।
प्रकृति के साथ समय बिताएं : प्रकृति का साथ समय बिताने के लिए हमारे पास समय ही नहीं होता है। पार्क में जाकर फूलों को देखना, खेतों में जाकर चिड़ियों के करतबों पर ध्यान केंद्रित करने से हमारा मन प्रफुल्लित होता है। इसका सीधा असर हमारी एकाग्रता की शक्ति पर पड़ता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम हर दिन कुछ समय प्रकृति के साथ बिताने के लिए निकालें। इस समय में आप अपने घर में लगे पौधों को पानी दे सकते हैं या अपनी छत पर खड़े होकर पक्षियों को उड़ते हुए देख सकते हैं। इतना ही नहीं समय मिले तो साल में एक या दो बार पहाड़ों या जंगलों की सैर पर भी जाया जा सकता है।
ध्यान लगाने की कोशिश करना : ध्यान लगाने से एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है। शुरुआत में ध्यान बहुत की कम समय के लिए लगता है लेकिन जैसे जैसे अभ्यास बढ़ाएंगे इसमें वृद्धि होती जाएगी। इसके लिए किसी पेशेवर से भी मदद ले सकते हैं। मनपसंद संगीत सुनना : कार्य या पढ़ाई के दौरान हल्के मधूर संगीत को सुनने से एकाग्रता बढ़ती है। अगर आपको को कार्य के दौरान संगीत पसंद नहीं है तो आप प्राकृतिक आवाजें (चिड़ियों, नदी आदि) भी बजा सकते हैं। बस शर्त यह है कि यह आवाजें या संगीत आपकी पसंद का होना चाहिए।

