Happy Christmas Day 2018: दुनिया भर के लोग हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाते हैं। इस दिन ईश्वर के पुत्र और ईसाई धर्म के पवित्र ट्रिनिटी, ईसा मसीह का जन्म हुआ था। क्रिसमस दुनिया भर में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यहां तक कि भारत में भी यह केवल जोरो-शोरो से मनाया जाता है। ना केवल ईसाई धर्म के अनुयायी बल्कि गैर-ईसाई लोग भी इस उत्सव में शामिल होते हैं। यह उत्सव क्रिसमस डे की पूर्व संध्या (24 दिसंबर) से ही शुरू हो जाता है और बॉक्सिंग डे(26 दिसंबर) तक चलता है।

इस दिन हम घर की सजावट लाइट्स और कैंडल्स से करते हैं साथ ही मुख्य तौर पर घर में क्रिसमस ट्री भी बनाते हैं। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इस दिन क्रिसमस ट्री क्यों बनाया जाता है। आइए हम बताते हैं।

क्रिसमस डे पर क्यों बनाया जाता हैं क्रिसमस ट्री

क्रिसमस ट्री को लेकर ईसाई लोगों में अनेक मान्यताएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि क्रिसमस ट्री बुरी आत्माओं से उन्हें बचाता है। वहीं, कुछ लोग रंगीन और खूबसूरत क्रिसमस ट्री को जीवन में सकारात्मकता और सहनशक्ति का प्रतिनिधि मानते हैं। इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि जब ईसा मसीह का जन्म हुआ था तो बहुत अधिक सर्दी थी इसलिए दुनिया भर के पेड़ों ने अपने ऊपर जमी बर्फ को हटाकर नए हरे पत्ते का उत्पादन किया था। इसलिए माना जाता है कि क्रिसमस ट्री सर्दियों में जीने का साहस प्रदान करता है।

क्रिसमस ट्री को लेकर इस बात की सही जानकारी नहीं है कि सबसे पहले इसका इस्तेमाल कब और कहां किया गया था। लेकिन ऐसा माना जाता है कि करीब 1000 साल पहले उत्तरी यूरोप से इसकी शुरुआत हुई। रोमन लोग सर्दियों में सदाबहार शाखाओं को अपने घरों को सजाने के लिए इस्तेमाल करते थे। क्रिसमस ट्री को सजाने का बड़ा ही दिलचस्प इतिहास है।