Children’s Day 2019 Celebration (Jawaharlal Nehru Birth Anniversary) Live Updates: प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा कि जवाहर लाल नेहरू (मेरे परदादा) के बारे में मेरी पसंदीदा कहानी वह है जब वे PMO से 3 बजे सुबह लौटे तो उनका बॉडीगार्ड उनके ही बिस्तर पर सो चुका था। यह देख उन्होंने गार्ड को कंबल ओढ़ा दिया और खुद बगल की कुर्सी पर सो गए।
आज 14 नवंबर है और इस दिन को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की याद में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि 1964 में नेहरू के निधन के बाद सर्वसम्मति से यह तय किया गया था कि उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाए। ऐसे में इस दिन देश के सभी स्कूलों में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही, तरह-तरह के कॉम्पिटिशन आदि भी होते हैं। बाल दिवस के मौके पर हम आपको रूबरू करा रहे हैं जवाहरलाल नेहरू की उन खास बातों से, जिनसे आप अंजान हो सकते हैं।
लोगों के मन में अक्सर सवाल होता है कि नेहरू के पिता मोतीलाल खुद बैरिस्टर थे और खुद नेहरू ने भी कानून की पढ़ाई की थी। इसके बावजूद वह राजनीति में कैसे आ गए? साथ ही, नेहरू किस तरह का जीवन जीते थे और उनके बैंक खातों में कितने रुपए थे? इस ब्लॉग में हम आपको नेहरू की कमाई व उनके बैंक बैलेंस की पूरी जानकारी देंगे।
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एसपी कार्यालय में यूनिसेफ व पुलिस विभाग ने संयुक्त रूप से पुलिस बच्चों का कार्यक्रम का आयोजित किया गया। जिसमें एसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बच्चों के साथ संवाद किया। फिर उन्होंने ने केक काटकर बच्चों को खिलाया।
तहसीन पूनावाला (Tehseen Poonawalla) ने अपने ट्वीट में लिखा हैः 'भारत के महान राजनेता जवाहरलाल नेहरू की याद में. कल्पना करें कि अगर नेहरूजी की जगह मोदीजी देश के पहले प्रधानमंत्री होते, तो चीजें कैसी होतींः एक अवैज्ञानिक राष्ट्र, खोखले संस्थान, जिंदगी और कानून के लिए कोई मायने नहीं असफल अर्थव्यवस्था! हम नेहरू की डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) में नहीं, मोदी की मोबोक्रेसी (भीड़तंत्र) में होते.'
प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा कि जवाहर लाल नेहरू (मेरे परदादा) के बारे में मेरी पसंदीदा कहानी वह है जब वे PMO से 3 बजे सुबह लौटे तो उनका बॉडीगार्ड उनके ही बिस्तर पर सो चुका था।
वेल्स के राजकुमार, प्रिंस चार्ल्स ने मुंबई में स्कूली बच्चों के साथ अपना 71 वां जन्मदिन मनाया। देखें तस्वीरें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू को उनकी 130 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। भारत के पहले प्रधान मंत्री नेहरू ने अगस्त 1947 और मई 1964 के बीच पद संभाला था। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "हमारे पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।"
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर बृहस्पतिवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुखर्जी, अंसारी, सिंह और सोनिया सुबह नेहरू के समाधि स्थल शांति वन पहुंचे और उन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं, सांसदों एवं कार्यकर्ताओं ने भी नेहरू को श्रद्धांजलि दी। पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। मोतीलाल नेहरू और स्वरूप रानी के पुत्र जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और 1964 में निधन तक वह इस पद पर रहे। नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
मथाई ने अपनी किताब में लिखा है, ‘‘1946 में जिस वक्त मैंने निजी सचिव के तौर पर नेहरू का कामकाज संभाला, उस समय उनके वित्तीय मामले मुंबई की बछराज एंड कंपनी देखती थी। यह प्रसिद्ध उद्योगपति जमनालाल बजाज की एक प्राइवेट कंपनी थी। नेहरू ने मुझसे कहा कि मैं इस कंपनी में जाऊं और उनके फाइनेंस की स्टडी करूं।’’ इसके कुछ समय बाद यह काम मथाई के पास आ गया।
एमओ मथाई ने पंडित नेहरू को लेकर एक किताब "रेमिनिसेंस ऑफ नेहरू एज" (Reminiscences of the Nehru Age) लिखी थी, जो काफी चर्चित रही थी। इसके 21वें अध्याय का नाम है, "नेहरू एटीट्यूड टू द मनी।" इसमें मथाई ने विस्तार से लिखा है कि दरअसल नेहरू की कमाई के साधन क्या थे और वह अपना पैसा किस तरह खर्च करते थे?
आज देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती है। इस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शांतिवन पहुंचे और नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित की।
एमओ मथाई करीब 20 साल तक जवाहरलाल नेहरू के निजी सचिव रहे। उन्होंने महसूस किया कि नेहरू ऐसे शख्स थे, जो खुद पर काफी कम पैसा खर्च करते थे। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर नेहरू के पास कितना धन था? और वह इस पैसे का क्या करते थे?
लोगों के बीच अक्सर चर्चा होती है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पास बहुत पैसा था। वह लग्जरी लाइफ जीते थे और काफी पैसा खर्च करते थे।
इंग्लैंड के प्रमुख स्कूल हैरो से नेहरू की संस्थागत स्कूली शिक्षा शुरू हुई। इसके लिए वह 1905 में इंग्लैंड गए थे। अक्टूबर 1907 में नेहरू को ट्रिनटी कॉलेज, कैम्ब्रिज भेजा गया। वहीं, 1910 में उन्होंने नैचुरल साइंस में ऑनर्स की डिग्री हासिल की।
पंडित जवाहर लाल नेहरू मोतीलाल नेहरू और स्वरूप रानी नेहरू के बेटे थे। उनकी शुरुआती पढ़ाई घर पर ही हुई। पिता मोतीलाल ने उन्हें प्राइवेट टीचर्स की मदद से घर पर ही पढ़ाया। कहा जाता है कि फर्डिनेंड टी ब्रुक्स नाम के एक टीचर के प्रभाव में वह विज्ञान और थियोसोफी में रुचि रखने लगे थे।