दिवंगत नेता राम विलास पासवान ने सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़कर राजनीति की शुरुआत की थी। राम विलास पासवान ने पहली पसंद राजनीति नहीं, बल्कि पुलिस की नौकरी थी। वह कई मौकों पर इस बारे में खुलकर बात भी कर चुके थे। साल 1969 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राम विलास पासवान ने BPSC की परीक्षा पास कर ली थी और उनका चयन डीएसपी में हो चुका था। इस बीच उनके परिवार के साथ एक हादसा हुआ था।
राम विलास पासवान के चाचा को कुछ लोग पीट रहे थे। इससे वह काफी नाराज़ हो गए थे और उन्होंने गुस्से में एक रजिस्टर तक फाड़कर फेंक दिया था। राम विलास पासवान ने ‘राज्यसभा टीवी’ के शो ‘The Quest’ में इससे जुड़ा किस्सा सुनाया था। राम विलास पासवान ने बताया था, ‘मैं जब लॉ की पढ़ाई कर रहा था तो अक्सर गांव जाता था। मेरे गांव में एक गोविंद चाचा थे। हमारे परिवार से उनका अच्छा संबंध था।’
राम विलास पासवान ने की थी चाचा की मदद: राम विलास पासवान आगे बताते हैं, ‘उनका हाथ-पांव बांधकर कुछ लोगों ने मुर्गा बनाया हुआ था। मैंने पूछा किया क्या हुआ है? मुझे बताया गया कि खेत में हल चलाता था और कुछ पैसे नहीं मिलते थे। लड़की बड़ी होने के बाद उन्होंने कोलकाता में जाकर काम करना शुरू कर दिया। कभी गांव के बाहुबली ने उन्हें दवाई के लिए पैसे दिए होंगे। बाद में हमारे चाचा ने कहा कि कुछ पैसा लेकर आए हैं वो ले लीजिए। उनको भी लोभ बढ़ने लगा।’
घटना को याद करते हुए पासवान कहते हैं, ‘शुरू में उन्होंने कम पैसे बताए, लेकिन बाद में 1500 रुपए मांगने लगे। गोविंद चाचा ने कहा कि ऐसा मत करिए, मैंने बेटी की शादी भी करनी है। उन्होंने गांव की पंचायत बुला ली और सब लोग उनके पक्ष में थे। मेरा डीएसपी में चयन हो गया था और गांव में घूम रहा था तो एक जगह गांव में भीड़ लगी थी। मैंने उनके रस्सी गले में बंधी हुई देखी। पास जाकर मैंने रस्सी खोली और पूछा कि क्या हुआ है? वहां से हमें रजिस्टर लाकर दिखाया गया कि इतने पैसे हैं तो मैंने तुरंत रजिस्टर हाथ में लिया और फाड़कर फेंक दिया था। मुझे पहली बार इतनी तेज गुस्सा आया था।’