Types of Tea: देश में लोग दूध वाली चाय को काफी पसंद करते हैं। ऑफिस हो या फिर घर किसी भी मौसम में लोग इसको पी लेते हैं। यह माइंड को रिफ्रेश तो करता ही है, इसको पीने से आलस नहीं आता है। वहीं,दूध वाली चाय का जितना फायदा है, उतना ही इसका नुकसान भी है।
दूध वाली चाय से होती है एसिडिटी
कई लोगों को दूध वाली चाय पीने से एसिडिटी हो जाती है। कई लोग सिर्फ दूध वाली चाय पीकर बोर हो जाते हैं। अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो दूध वाली चाय पीकर बोर हो गए हैं, तो हम आपके लिए 8 चाय के ऑप्शन लेकर आए हैं, जिसको आप ट्राई कर सकते हैं।
कितने प्रकार की होती है चाय?
वैसे तो भारत में लोग चाय कई तरह से बनाते हैं। इन चाय को लोग अलग-अलग नाम भी देते हैं। हालांकि, हम आपको चाय के कुछ आठ प्रकार बताएंगे, जिसको आप ट्राई कर सकते हैं।
ब्लैक टी-Black Tea
ग्रीन टी-Green Tea
हर्बल टी-Herbal Tea
कश्मीरी कहवा-Kashmiri Kahwa
मसाला चाय-Masala Tea
आइस टी-Iced Tea
ओलॉन्ग टी-Oolong Tea
बटर टी/तिब्बती चाय-Butter Tea
ब्लैक टी
ब्लैक टी वाली चाय बिना दूध की होती है। इस चाय को आप नींबू और शहद के साथ पी सकते हैं। यह चाय हल्की होती है और इसको पीने से ताजगी आती है।
ग्रीन टी
दूध वाली चाय पीने के बदले आप ग्रीन टी को एक ऑप्शन के तौर पर देख सकते हैं। यह चाय एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। इसको पीने से बॉडी डिटॉक्स होती है। ग्रीन टी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करती है। इसको पीने से वजन भी नियंत्रण में रहता है। ग्रीन टी पीने से तनाव भी कम होता है।
हर्बल टी
हर्बल टी को पुदीना, तुलसी, अदरक और लेमनग्रास जैसी चीजों से मिलाकर तैयार किया जाता है। इस चाय को पीने से स्ट्रेस कम होता है और पाचन भी बेहतर होता है।
कश्मीरी कहवा
कश्मीरी कहवा कश्मीर की एक फेमस चाय है। इसको केसर, इलायची, दालचीनी सहित अन्य कई चीजों से तैयार किया जाता है और इसमें शहद मिलाकर पिया जाता है। यह सदियों में कश्मीर के लोगों के व्यंजनों का एक प्रमुख हिस्सा होता है।
मसाला चाय
मसाला चाय को बिना दूध के इलायची, दालचीनी, सौंफ, अदरक और काली मिर्च से तैयार किया जाता है। इस चाय को स्पाइसी चाय के नाम से भी जाना जाता है। इस चाय को पीने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है।
आइस टी
आइस टी को ब्लैक टी या फिर ग्रीन टी की ही मदद से बनाता है। आप इसमें नींबू, मिंट या फिर अन्य कई तरह का फ्रूट फ्लेवर भी डाल सकते हैं। यह ठंडी चाय आप गर्मी में पी सकते हैं। इस चाय को पीने से गर्मी में काफी राहत मिलती है।
ओलॉन्ग टी
ओलॉन्ग टी सामान्य तौर पर ग्रीन टी और ब्लैक टी के बीच की चाय होती है। इसका स्वाद न तो ब्लैक टी जितना अधिक स्ट्रॉन्ग होता है और न ही ग्रीन टी जितना हल्का होता है। ओलॉन्ग चाय को पीने से डाइजेशन काफी बेहतर हो जाता है और वजन भी नियंत्रण में रहता है।
बटर टी/तिब्बती चाय
बटर टी को तिब्बती चाय के नाम से भी जाना जाता है। इस चाय को बनाने के बाद इसमें क्खन और नमक मिलाया जाता है। इस चाय को ठंडे इलाकों में काफी पसंद किया जाता है।