काले तिल में कई औषधीय गुण होते हैं, यही वजह है कि यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। तिल अनादि काल से भारतीयों के पसंदीदा रहे हैं। तिल कई रंगों में आते हैं। इसमें ब्लैक, ग्रे और व्हाइट शामिल हैं। काले तिल भी अधिक प्रचलित हैं। क्योंकि ये कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और कई खास व्यंजनों में इस्तेमाल किए जाते हैं।
आज हम काले तिल के कुछ आश्चर्यजनक फायदे देखने जा रहे हैं। काला तिल आपके नाखूनों को स्वस्थ रख सकता है। इसका क्या मतलब है? काले तिल में आपके बालों से लेकर आपके दिल तक की सभी समस्याओं को दूर करने की ताकत है। काले तिल आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं, आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखते हैं और इसके और भी कई फायदे हैं। आइए जानते हैं काले तिल के फायदों के बारे में-
ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोल
Health Line के मुताबिक काले तिल में मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो उच्च रक्तचाप के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं। ये तिल दिल के दौरे और हाई ब्लड प्रेशर की संभावना को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, काले तिल में पॉलीअनसैचुरेटेड फैट के साथ-साथ सेसामिन नामक यौगिक होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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अल्जाइमर को रोकने में मददगार
मेडिकल न्यूज टुडे के अनुसार काले तिल और इस तिल के तेल का इस्तेमाल तनाव कम करने के लिए किया जाता है। शरीर में एंटीऑक्सीडेंट बढ़ाने की क्षमता पर इस तिल का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसमें उच्च एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसलिए इसका सेवन तनाव को कम करने और अल्जाइमर रोग को रोकने में मदद करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
WebMd के मुताबिक काले तिल में कैल्शियम, फाइबर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, मैंगनीज, जिंक, आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें आवश्यक ट्रेस खनिज भी होते हैं, जो सेल फ़ंक्शन को विनियमित करने में मदद करते हैं, प्रतिरक्षा में सुधार करते हैं और पूरे शरीर में ऑक्सीजन परिसंचरण में सुधार करते हैं।
हृदय रोग के जोखिम को करे कम
आधे से अधिक काले तिल तेल से बने होते हैं, जो मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा का एक स्वस्थ स्रोत है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, उच्च संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थों को असंतृप्त वसा से बदलने से हृदय रोग, स्ट्रोक और हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।
पाचन क्रिया बनाए सुचारू
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक काले तिल फाइबर और फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। इस वजह से ये कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं। तिल में पाया जाने वाला तेल आंतों को चिकना यानी चिपचिपा रखता है। यह पाचन क्रिया को सुचारू रखता है।
बाल और त्वचा रखे स्वस्थ
हेल्थ लाइन के अनुसार तिल के तेल का व्यापक रूप से बालों और त्वचा उत्पादों जैसे साबुन, शैंपू और मॉइस्चराइजर में उपयोग किया जाता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि काले तिल बालों और त्वचा पर अच्छा प्रभाव डालते हैं। तिल के बीज में कई पोषक तत्व होते हैं जो स्वस्थ बालों और त्वचा को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
