Bihar Election 2020: बिहार में चुनावी हलचल बढ़ गई है। जैसे-जैसे मतदान के दिन नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक हलकों में हलचल भी बढ़ती जा रही है। चुनाव में बाजी मारने के लिए विभिन्न पार्टियों के नेता एड़ी-चोटी का दम लगाए हुए हैं। कहीं कोई गंठबंधन टूटने की कगार पर है, तो कहीं कोई नेता पुरानी अनबन भुलाकर साथ आ रहे हैं। इसी बीच बिहार की सियासत में ‘छोटे सरकार’ के नाम से चर्चित बाहुबली नेता अनंत सिंह को आरजेडी ने टिकट दिया है। वे मोकामा सीट से चुनाव लड़ेंगे।

आपको बता दें कि अनंत सिंह पिछले काफी समय से जेल में बंद हैं। एक वक्त ऐसा भी था जब अनंत सिंह की गिनती जदयू के कद्दावर नेताओं में होती थी। अनंत सिंह और नीतीश कुमार करीबी दोस्त थे। दोनों की दोस्ती इतनी गाढ़ी थी कि एक बार अनंत सिंह ने नीतीश को चांदी के सिक्कों से तौल दिया। ये मामला खूब सुर्खियों में था…

ऐसे आए थे अनंत और नीतीश करीब: साल 2004 के लोकसभा चुनाव में बिहार के मौजूदा सीएम नीतीश कुमार बाढ़ सीट से चुनाव लड़ने वाले थे। चुनाव से ठीक पहले ही लोजपा ने मोकामा के निर्दलीय विधायक सूरजभान सिंह को बलिया से टिकट दे दिया। इस घटना के बाद नीतीश कुमार को इस बात का अंदाजा लग गया था कि अगर उन्हें चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करनी है, तो उन्हें अनंत सिंह को अपने पक्ष में करना होगा। क्योंकि मोकामा अनंत का गढ़ कहा जाता है। इसके बाद दोनों करीब आए।

रैली में चांदी के सिक्कों से तौलवाया: ऐसे में नीतीश कुमार के खास और दाहिने हाथ कहे जाने वाले राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने अनंत सिंह की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया। इसके बाद बाहुबली अनंत जदयू में शामिल हो गए। इसी बीच बाढ़ संसदीय क्षेत्र में एक रैली हुई जिसमें नीतीश कुमार जनता को संबोधित कर रहे थे। इसी रैली के दौरान अनंत सिंह ने नीतीश को चांदी के सिक्कों से तुलवा दिया। कई लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया था, जो बाद में बहुत वायरल हुआ।

टिकट नहीं मिला तो हो गए बागी: हालांकि अनंत द्वारा नीतीश को चांदी के सिक्कों से तौलवाना तमाम लोगों को रास नहीं आया, जिसमें विपक्षी नेता भी शामिल थे। हालांकि नीतीश ने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया। कहा गया कि नीतीश के सत्ता में आने के बाद अनंत सिंह की संपत्ति में मनमानी बढ़ोतरी हुई। हालांकि, बाढ़ में ही एक युवक की हत्या के मामले में अनंत गिरफ्तार हुए और फिर धीरे-धीरे उनके तमाम कारनामे सामने आने लगे। इन्हीं कारणों से पार्टी में भी उनकी अहमियत कम होने लगी।

साल 2015 में जदयू की तरफ से टिकट नहीं मिलने पर अनंत सिंह बागी हो गए और उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके बाद वो मोकामा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक बने। आपको बता दें कि पिछले साल उनके घर से एके-47 समेत कई हथियार बरामद हुए थे। इसी मामले में अनंत सिंह करीब तेरह महीनों से जेल में बंद हैं।