विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल का सियासी पारा गरमा गया है। ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) एक बार फिर सरकार बनाने के लिए प्रयासरत है। हाल के दिनों में टीएमसी के कई नेताओं ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के पार्टी पर बढ़ते प्रभाव पर सवाल उठाए और अपनी राहें अलग कर लीं। डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से सांसद अभिषेक ने 2019 में अपने चुनावी हलफनामें में बताया था कि उनकी कुल संपत्ति 1.37 करोड़ की है। जबकि 2014 में 23.57 लाख के मालिक थे।
अभिषेक बनर्जी की तरफ से दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके पास 30 ग्राम सोना भी है, जिसकी कीमत 96 हजार के करीब बतायी गई थी। वहीं उनके पास 40 ग्राम चांदी भी है, जिसकी कीमत 1500 रुपये बताई थी। वहीं, उनकी पत्नी के पास 1.5 करोड़ की संपत्ति है। अभिषेक की पत्नी के पास 658 ग्राम सोना है। संपत्ति के मामले में अभिषेक अपनी बुआ ममता बनर्जी से काफी आगे हैं। ममता बनर्जी के पास 30,45,013 लाख रुपये की संपत्ति है। यह आंकड़ा उन्होंने 2016 में विधानसभा चुनाव के दौरान अपने हलफनामें में दिया था।
ममता बनर्जी ने अपने हलफनामें में बताया था कि उनके पास 18,436 रुपये ही कैश हैं। जबकि उनके पास महज 9 ग्राम सोना है। साथ ही ममता बनर्जी के पास अपना कोई वाहन भी नहीं है। अभिषेक ने जहां 15 लाख रुपए की एलआईसी पॉलिसी ले रखी है, वहीं ममता बनर्जी के पास कोई पॉलिसी आदि नहीं है। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाले अभिषेक अपनी लैविश लाइफस्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं।
उनके कालीघाट वाले घर में ऐशो-आराम की तमाम सुविधाएं मौजूद हैं। यह आरोप भी लगता रहा है कि उन्होंने अपने घर के बगल में अवैध रूप से एक हेलीपैड भी बनवा रखा है। विपक्षी इस मुद्दे को लेकर भी टीएमसी और अभिषेक को घेरते रहे हैं। आपको बता दें कि टीएमसी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ मिलकर बंगाल में सरकार बनाने के लिए रात-दिन मेहनत कर रही हैं।
हालांकि कई नेताओं जिनमें सुवेन्दु अधिकारी भी शामिल हैं, ने आरोप लगाया था कि अभिषेक की कार्य प्रणाली से पार्टी को नुकसान हो रहा है। विपक्षी दलों की तरफ से उनपर भष्टाचार के भी आरोप लगे थे। हालांकि तमाम आरोपों पर पलटवार करते हुए अभिषेक ने कहा था कि अगर उनके उपर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तो वो अपनी जान तक देने को तैयार हैं।