पिछले सैकड़ों वर्षों से पढ़ाई केवल शिक्षकों और क्लासरूम तक ही सीमित मानी जा रही है, जहां पर किताबों को अधिक महत्व दिया जाता है। लेकिन बदलते वक्त और तकनीक के साथ शिक्षण पद्धति में एक बड़ा बदलाव आया है। ऑनलाइन कक्षाओं ने पारंपरिक संस्थानों की जगह ले ली है। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण ऑनलाइन कक्षाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है।

ऑनलाइन शिक्षा का चलन इतना बढ़ गया है कि लॉकडाउन के दौरान छात्रों की पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी ऑनलाइन क्लास पर ही आ गई थी। हालांकि, ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को लेकर आज के समय में माता-पिता थोड़े चिंतित हैं। तो आज हम आपको ऑनलाइन कक्षाओं के फायदों के बारे में बताएंगे।

-महंगी नहीं होती ऑनलाइन कक्षाएं: पारंपरिक शिक्षा पद्धति आपकी जेब पर अत्याधिक भार डालती है। एक अभिभावक के रूप में स्कूल की फीस, अतिरिक्त
कोचिंग क्लास की फीस और किताबों का ढ़ेर, जिसकी आपके बच्चे को एक साल में जरूरत नहीं होगी, उनके लिए भी आपको भुगतान करना पड़ता है। वहीं, दूसरी ओर ऑनलाइन कक्षाएं सस्ती होती हैं। क्योंकि, अध्ययन की अधिकांश सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध हो जाती है।

-विषय के बारे में मिलती है अधिक जानकारी: इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन कक्षाओं में नामांकन करने से बच्चे दुनिया भर के किसी भी शिक्षक और छात्र से बातचीत कर सकते हैं। इस तरह की बातचीत स्वस्थ और सार्थक सहयोग के लिए बच्चों का मार्ग प्रशस्त करती है। ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चे अलग-अलग बैकग्राउंड से संबंध रखने वाले लोगों के साथ जुड़ सकते हैं।

-ऑनलाइन क्लास के जरिए कर सकते हैं पढ़ाई का रिव्यू: यह एक तथ्य है कि बच्चों का ध्यान पढ़ाई के दौरान इधर-उधर भटकता रहता है। कक्षा के दौरान उनका मन अक्सर भटकता है जिससे वह क्लास पर फोकस नहीं कर पाते। हालांकि, ऑनलाइन कक्षाओं में इसका समाधान है। यहां अधिकांश बच्चे और माता-पिता पढ़ाई की समीक्षा कर सकते हैं।

-बच्चों की भागीदारी बढ़ाती हैं ऑनलाइन क्लास: पारंपरिक कक्षाओं में बहुत सारे बच्चे होते हैं, जिसके कारण कुछ बच्चों किसी भी चीज में भागीदारी नहीं ले पाते। खासकर ऐसे बच्चे जो शर्मिले हैं और उन्हें सार्वजिनक रूप से बोलने में असहजता होती है। ऐसे बच्चे गलत जवाब देकर मजाक उड़ाए जाने के डर से कुछ नहीं बोल पाते। हालांकि, ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चे अपने कंफर्ट जोन में रहकर पढ़ाई कर सकते हैं।

यह बात कई शैक्षिक विशेषज्ञों द्वारा नोट की गई है कि ऐसे बच्चे जो बोलने में असहज महसूस करते हैं वह ऑनलाइन क्लास में मुखर होकर अपनी बातों को रख रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह कम भयभीत महसूस कर रहे हैं।

यूरेका द इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप का एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां 3 से 12 साल तक की उम्र के बच्चे रोचक एक्टिविटीज, जैसे- कुकिंग, जुंबा, आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स, म्यूजिक, ड्रामा, कहानी, डांस, जादू और फिटनेस आदि के जरिये अनी स्किल्स को निखार सकते हैं। और नई-नई चीजें सीख सकते हैं…