Rakhi 2025: सावन में घेवर खाने और बनाने का परंपरा सालों से चली आ रही है। रक्षाबंधन आते ही इसकी डिमांड और बिक्री तेजी से बढ़ जाती है। इसके साथ ही कुछ जगहों पर घेवर में मिलावटी मावा, नकली घी, सिंथेटिक रंग आदि भी मिलाए जाने लगते हैं। इन्हें खाने से आपकी सेहत भी बिगड़ सकती है।

आपको पेट दर्द, फूड पॉइजनिंग जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। मिलावटी घेवर को एक नजर देखकर भले ही आप इन्हें पहचान न पाएं। लेकिन यहां हम आपको ऐसे 3 तरीके बताने जा रहे हैं जिनसे आप राखी पर ताजा और शुद्ध घेवर खरीद पाएंगे। साथ ही मिलावटी घेवर की पहचान भी कर पाएंगे।

स्वाद से करें पहचान

घेवर खरीदने से पहले उसे टेस्ट करके जरूर देखें। मिलावटी घेवर का स्वाद थोड़ा अलग होगा है। ये स्वाद में ज्यादा मीठा या हल्का कड़वा लग सकता है।

खुशबू से पहचानें

शुद्ध ताजे घेवर में घी की खुशबू आती है। जबकि मिलावटी घेवर में कोई भी खुशबू आपको महसूस नहीं होगी। रखे हुए घेवर में अलग ही गंध आपको महसूस होगी।

छू कर करें पहचान

मिलावटी घेवर छूने में चिपचिपा लग सकता है। जबकि जिस घेवर को शुद्ध मावा या रबड़ी से तैयार किया जाता है उसे हाथ में मलने पर वह घुल जाता है।

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