बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री श्रीदेवी के निधन पर दुबई फॉरेंसिक विभाग की रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी मौत शनिवार (24 फरवरी) की रात बाथटब में दुर्घटनावश डूबने से हुई थी। बाथटब में डूबने से होने वाली मौत भले ही भारत के लिए अजूबे जैसा है, लेकिन जापान और अमेरिका जैसे देशों के लिए ऐसा नहीं है। इन देशों में बहुत सी मौतें बाथटब में डूबने से हुई हैं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि सबसे ज्यादा औरतें ही इस तरह दुर्घटना की शिकार होती हैं।
गुजरात के आनंद में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि पुरुषों से ज्यादा महिलाएं बाथटब दुर्घटना का शिकार होती हैं। वहीं मार्च 2017 में जनरल एंड फैमिली मेडिसीन के जर्नल में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया था, जिसमें यह कहा गया था कि जापान में बाथटब दुर्घटना में हर साल 19 हजार लोगों की मौत हो रही है।
टीओआई के मुताबिक जापान की कंज्यूमर अफेयर एजेंसी ने एक साल पहले एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि पिछले 10 सालों में बाथटब दुर्घटना में मरने वाले लोगों की संख्या 70 फीसदी तक बढ़ गई है और यह भी दावा किया गया था कि 10 में से 9 मौतें अमूमन 65 वर्ष से अधिक की उम्र वाले लोगों की हुई हैं। अध्ययन में यह भी कहा गया था कि जापान में लोग बाथटब में पानी का तापमान 41°C से ज्यादा रखते हैं, इसलिए यह भी मौत का एक कारण हो सकता है। वहीं जापान के बाथटब की गहराई भी काफी ज्यादा होती है।
वहीं अगर अमेरिका की बात की जाए तो साल 2006 के फेडरल मोर्टेलिटी डाटा में कहा गया था कि अमेरिका में प्रतिदिन कम से कम एक व्यक्ति की मौत बाथटब, हॉट टब, स्पा के दौरान हो रही हैं। मरने वाले ज्यादातर लोगों में शराब और ड्रग्स भी पाया जाता है। साल 2015 में अमेरिका के अटलांटा स्थित रोग नियंत्रण केंद्र ने भी डाटा जारी कर बताया था कि कैसे ‘बाथरूम- घर का सबसे छोटा रूम’ खतरनाक हो सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 15 साल से ऊपर के करीब 2 लाख लोगों को हर साल बाथरूम दुर्घटना के चलते अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। इनमें से 14 फीसदी लोगों को भर्ती भी करना पड़ता है। ज्यादातर घटनाएं नहाते वक्त ही होती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाथरूम दुर्घटनाओं का शिकार सबसे ज्यादा महिलाएं ही होती हैं। भारत की बात की जाए तो बाथरूम दुर्घटनाओं को बाकी घरेलू दुर्घटनओं से जोड़कर ही देखा जाता है।