Be careful in upcoming 15 Days: 27 अक्टूबर को दिवाली है और 31 से 3 नवंबर तक छठ की पूजा है। हिंदुओं के इन दोनों बड़े पर्व में अब महज एक सप्ताह का समय रह गया है। इन दोनों पर्व को मनाने के लिए हर कोई उस्ताहित है। बाजार गुलजार हैं, जहां पर आप तरह की आतिशबाजी सामग्री और मिठाइयां देख सकते हैं। लेकिन कभी-कभी यह उत्साह बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। दिवाली की आतिशबाजी और साफ- सफाई से दमा के मरीजों का दम घुटता है, तो मिठाइयां का ज्यादा सेवन डायबटिक पेशेंट का शुगर लेबल बढ़ा सकता है। शोर-शराबे और दिन भर की भागदौड़ से ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ सकता है। इन सभी बीमारियों का खतरा त्योहार के अलावा मौसम बदलने के चलते फोग और स्मोग से भी बढ़ जाता है। ऐसे में आपको पर्व के उत्साह के साथ अपनी सेहत के प्रति भी एहतियात बरतने की जरूरत है।
अपनाएं ऐसी लाइफस्टाइल
1- दिवाली के वक्त डायबटिक मरीज शुगर फ्री मिठाई का सेवन करें बजाए चीनी से बनी मिठाई के। बेहतर होगा कि आप बाजार की मिठाईयों से दूरी बनाए रखें। क्योंकि इसमें होने वाला शुगर की मात्रा का आपको अंदाजा नहीं होता।
2- त्योहार के दौरान साफ सफाई में बिजी हैं तो समय समय पर थोड़ा आहार लेते रहें। ज्यादा देर तक भूखा रहने से भी आपका शुगर लेबल बढ़ जाता है। इसलिए छठ का व्रत करने वाली महिलाओं को भी इस वक्त सावधान रहने की जरूरत है। अगर आपके अंदर क्षमता नहीं है तो बेहतर है कि व्रत न रखें।
3- छठ की व्रती महिलाएं सही समय पर दवाएं लें और हेल्दी फैट व ओमेगा 3 वाली चीजें जैसे – अलसी, ग्रीन सलाद, बादाम, सालमन, टूना आदि आप ले सकते हैं। करेले का जूस का सेवन आपके शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है।
4- पटाखों के धुएं से हार्टअटैक और स्ट्रोक का खतरा भी पैदा हो सकता है। सेहत के लिए खतरनाक है, इसके कारण हार्टअटैक और स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। पटाखों के धुएं से सांस के साथ शरीर में जाता है तो खून के प्रवाह में रुकने लगता है। ऐसे में बेहतर होगा आप इकोफ्रेंडली दिवाली मनाएं।
5- दमा के मरीज मीठी ही नहीं बल्कि ओइली चीजों के खान-पान से भी बचें। अपने डॉक्टर से पहले ही सलाह लें और खाने पीने का विशेष ध्यान रखें।
6- इन 15 दिनों तक आप मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं तो मास्क पहनना न भूलें। अगर आपको लगता है दिवाली के दौरान प्रदूषण ज्यादा है तो घर पर व्यायाम करें।

