हिंदू धर्म में अक्षय नवमी का बेहद महत्व है। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन अक्षय नवमी मनाई जाती है। इस साल ये खास तिथि 10 नवंबर को पड़ रही है।

बता दें कि अक्षय नवमी पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष विधान है। इसके साथ ही इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा भी की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, आंवले के पेड़ को स्वस्थ जीवन का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही इस पेड़ में भगवान विष्णु और ब्रह्मा का वास माना गया है। यही वजह है कि अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है।

वहीं, अगर आपके आसपास आंवले का पेड़ नहीं है, तो आप अपने घर पर ही इसे उगा सकते हैं। अधिक कमाल की बात यह है कि इसके लिए आपको ज्यादा जगह की भी जरूरत नहीं होगी। आप केवल छोटी सी जगह में एक गमले में आंवले के पेड़ को उगा सकते हैं। आइए जानते हैं इसका तरीका-

गमले में कैसे उगाएं आंवले का पेड़?

  • इसके लिए सबसे पहले मिट्टी तैयार कर लें। बता दें कि आंवले के लिए काली मिट्टी को सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसे में काली मिट्टी लें।
  • इसके बाद 50 फिसदी मिट्टी में 20 फीसदी वर्मी कंपोस्ट, 20 फीसदी गोबर का खाद और 10 फीसदी नीम की खली मिला लें।
  • बीज से पौधा उगाने में अधिक समय लग सकता है, ऐसे में आप बीज की बजाय, नर्सरी से आंवले के छोटे और हेल्दी पौधे खरीदें और बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए उन्हें सही तरीके से गमले में लगाएं।
  • इसके लिए एक गहरा गमला लें ताकि पौधे की जड़ बेहतर ढंग से फैल सके।
  • गमले को तैयार मिट्टी से आधा भर लें। इसके बाद इसमें पौधा लगाएं और फिर ऊपर से मिट्टी डाल दें।
  • पौधे में केवल नमी बनी रहे इस हिसाब से पानी दें, साथ ही इसे ऐसी जगह रखें जहां कम से कम 3-4 घंटे की सीधी धूप मिल सके।
  • इस तरह आपको समय-समय पर पौधे की देखभाल करते रहना है।

बता दें कि कलम से लगाने वाले आंवले के पौधे तीन साल बाद फल देना शुरू कर देते हैं।