शिशु के संपूर्ण विकास के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। उनमें से ही एक है आयरन। अक्सर बच्चे में एनीमिया यानी खून की कमी हो जाती है। खून की कमी को पूरा करने में आयरन बेहद ही कारगर है। यह शिशु के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बता दें, शरीर में मौजूद हीमोग्लोबन में आयरन की मात्रा पाई जाती है। जब बच्चे की बॉडी में आयरन की मात्रा कम हो जाती है तो उन्हें एनीमिया की शिकायत हो सकती है।
आयरन स्वास्थ्य के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है। यह फेफड़ों से पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। आप बाहरी खाने के जरिए भी बच्चे के शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर सकते हैं।
बच्चों में इसलिए होती है खून की कमी: बच्चों में खून की कमी होने के कई कारण होते हैं। जिनमें खाने में आयरन की मात्रा कम होना, खून बहने, 6 महीने पूरे होने के बाद भी शिशु को ठोस चीजें ना खिलाने या फिर प्रीमैच्योर बेबी के पैदा होने पर उनके शरीर में आयरन की कमी हो जाती है। आयरन की कमी के कारण बच्चे की त्वचा, होंठ और हाथ पीले पड़ने लगते हैं। साथ ही दिल की धड़कन तेज होना, भूख लगने, ग्रोथ धीमी होने, बार-बार इंफेक्शन होने जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।
-सेब और चुकंदर का जूस: सेब और चुकंदर में आयरन की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। इसके अलावा चुकंदर में फोलिक एसिड, पोटैशियम और फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है। ऐसे में आप बच्चे को सेब और चुकंदर का जूस बनाकर पिला सकते हैं। आप चाहें तो आयरन के अवशोषण को बढ़ाने के लिए इसमें शहद भी डाल सकते हैं।
-अनार और टमाटर: अनार में कई तरह के पोषक तत्व जैसे फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, फैट्स, प्रोटीन और शुगर की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। इसमें कैल्शियम और आयरन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अनार शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाकर ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है। आप चाहें तो बच्चे को खाली पेट अनार का जूस दे सकते हैं।
टमाटर भी शरीर में आयरन की पूर्ति करता है। ऐसे में आप बच्चों के खाने में टमाटर का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर उन्हें टमाटर का जूस भी दे सकते हैं।

