चेहरे पर एक्ने होना एक आम समस्या है, जो एक उम्र के बाद अधिकतर लोगों को प्रभावित करती है। हालांकि, परेशानी तब बढ़ जाती है जब एक बार एक्ने होने पर ये ठीक नहीं होते हैं या एक्ने होने के बाद इनके निशान चेहरे पर रह जाते हैं। ऐसे में अगर आप भी बार-बार एक्ने होने की समस्या से परेशान हैं या गहरे एक्ने मार्क्स आपकी खूबसूरती में दाग का कारण बन रहे हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है।
दरअसल, फेमस डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ अंकुर सरीन और डॉ. जुशिया भाटिया सरीन ने एक पॉडकास्ट में एक्ने से जुड़े कई जरूरी सवालों के जवाब दिए हैं, साथ ही एक्ने के सही इलाज के लिए कुछ खास टिप्स सुझाई हैं, यहां हम आपको इन्हीं टिप्स के बारे में बता रहे हैं।
इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर एक्ने होते क्यों और कैसे हैं?
इसे लेकर डॉ. जुशिया भाटिया सरीन बताती हैं, ‘एक्ने हमारे हार्मोन की वजह से होते हैं। यही वजह है कि खासकर टीनएज में एक्ने की परेशानी सबसे अधिक होती है। उस समय आपका हार्मोनल चेंज सबसे ज्यादा होता है। इस बदलाव के चलते आपके ऑयल ग्लैंड खुलने लगते हैं, जिससे ऑयल ज्यादा मात्रा में निकलने लगता है। इसी ऑयल के चलते एक्ने की परेशानी बढ़ने लगती है।’
डॉ. जुशिया के मुताबिक, ‘ऑयल में एसेंशियल फैटी एसिड की मात्रा ज्यादा होती है, इसपर बैक्टीरिया ग्रो करता है। ये बैक्टीरिया आपके हेयर फॉलिकल्स के अंदर ग्रो करने लगता है, जिससे फॉलिकल्स ब्लोक होने लगते हैं और उसमें पस बनने लगता है, इस तरह एक्ने होते हैं।’
कुछ लोगों को कम तो कुछ को ज्यादा एक्ने क्यों होते हैं?
इस सवाल को लेकर डॉ अंकुर सरीन बताते हैं, इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जैसे-
अगर हार्मोनल असंतुलन ज्यादा है तो एक्ने की परेशानी भी ज्यादा हो सकती है।
प्यूबर्टी, प्रेग्नेंसी, मेन्सटूरेशन, मेनोपॉज के समय एक्ने की परेशानी बढ़ सकती है।
फैमली हिस्ट्री के चलते एक्ने हो सकते हैं। यानी अगर आपके परिवार में किसी को एक्ने की परेशानी है, तो आपको भी ये समस्या ज्यादा हो सकती है।
ज्यादा ऑयली स्किन वाले लोगों को एक्ने ज्यादा होते हैं।
ज्यादा स्ट्रेस लेने के चलते एक्ने हो सकते हैं। स्ट्रेस लेने पर हार्मोनल असंतुलन बढ़ जाता है।
इन सब से अलग धूल-मिट्टी और प्रदूषण के संपर्क में ज्यादा रहने पर भी एक्ने की समस्या बढ़ जाती है।
एक्ने को कम करने के लिए क्या करें?
डॉ अंकुर सरीन के मुताबिक, इसके लिए सबसे पहले सही फेसवॉश चुनें। अगर आपको एक्ने ज्यादा होते हैं तो इसके लिए ऐसे फेसवॉश का इस्तेमाल करें जिसमें एक्सफोलिएटिंग प्रॉपर्टी ज्यादा हों, ऑयल कंट्रोलिंग प्रॉपर्टी ज्यादा हों। आप ऐसे फेसवॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें सैलिसिलिक एसिड और ग्लाइकोलिक एसिड की मात्रा ज्यादा हो। साथ ही जो अच्छी तरह झाग बना सके। ये झाग चेहरे पर ऑयल को कंट्रोल करता है, जिससे एक्ने की परेशानी कम होती है।
दिन में दो बार फेसवॉश करें, सुबह सोकर उठने के बाद और रात को सोने से पहले। इससे अलग अगर आप फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा करते हैं, तो दिन के बीच में भी एक बार फेसवॉश जरूर करें। इसके बाद चेहरे को तोलिए की मदद से धीरे-धीरे साफ करें।
मुंह धोने के बाद डॉक्टर द्वारा सुझाई गई क्रीम का इस्तेमाल करें या आप सैलिसिलिक एसिड, ग्लाइकोलिक एसिड या रेटिनॉल की एक पतली लेयर चेहरे पर लगा सकते हैं।
इसके बाद ऑयल फ्री मॉइस्चराइजर से स्किन को अच्छी तरह मॉइस्चराइज करें और आखिर में चेहरे पर सनस्क्रीन लगाएं। एक्ने को ठीक करने या एक्ने से बचाव के लिए आपको नियमित तौर पर ये तरीका अपनाना है।
एक्ने मार्क्स से कैसे पाएं छुटकारा?
डॉ अंकुर सरीन के मुताबिक, मार्क्स से बचाव के लिए एक्ने की शुरुआत में ही इलाज करना शुरु कर दें, साथ ही एक्ने को छूने से बचें। एक्ने होने पर इन्हें छूने या फोडने से निशान घहरे हो जाते हैं।
डॉ. जुशिया भाटिया सरीन बताती हैं, अगर आपने शुरुआत से एक्ने का इलाज नहीं लिया है और अब एक्ने मार्क्स ज्यादा बढ़ गए हैं, तो इसके लिए कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है। जैसे- एक्ने के निशान दो तरह के होते हैं- पहले ब्राउन निशान और दूसरे रेड निशान।
अगर ब्राउन निशान हैं, तो आप घर पर कोजिक एसिड, एजेलिक एसिड, नियासिनमाइड सीरम इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, रेड मार्क्स को हटाना थोड़ा अधिक मुश्किल होता है। इसके लिए डॉ. जुशिया डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेने को सही बताती हैं।
इन सब से अलग डॉ अंकुर बताते हैं कि एक्ने मार्क्स धूप में जाने से और गहरे हो सकते हैं, ऐसे में इससे बचाव के लिए हर बार सनस्क्रीन लगाकर ही बाहर निकलें।