Parshuram Jayanti 2025: परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उन्हें चिरंजीवी माना गाया है। ऐसी मान्यता है कि वह आज भी पृथ्वी पर हैं। भगवान परशुराम जन्म माता रेणुका और ऋषि जमदग्नि के घर प्रदोष काल में हुआ था। उनकी जयंती हिंदू धूमधाम से मनाते हैं। इस वर्ष परशुराम जयंती 29 अप्रैल यानि आज मनाई जा रही है। ऐसे में अगर आप भी उनके दर्शन के लिए मंदिर जाना चाहते हैं तो यहां हम आपके लिए भारत के प्रसिद्ध 5 परशुराम मंदिरों की जानकारी लेकर आए हैं। जहां आप परिवार सहित धार्मिक यात्रा का प्लान बना सकते हैं।

परशुराम मंदिर, निरमंड

यह मंदिर भगवान विष्णु के परशुराम अवतार को समर्पित है। हिमाचल प्रदेश में स्थित निरमंड एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसा बताया जाता है कि यह वह स्थान है जहां परशुराम ने अपने पिता के आदेश पर अपनी मां रेणुका का सिर काटा था।

परशुराम महादेव मंदिर

परशुराम महादेव मंदिर राजस्थान में स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव की शिवलिंग के रूप में पूजा की जाती है। परशुराम महादेव गुफा मंदिर का निर्माण स्वयं परशुराम ने अपने फरसे से चट्टान को काटकर किया था। परशुराम ने कई वर्षों तक भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी।

परशुराम मंदिर चिपलुन

परशुराम देवस्थानम संस्थान चिपलून महाराष्ट्र से 9 किलोमीटर दूर स्थित है। कोंकण भूमि परशुराम द्वारा निर्मित भूमि है और इसे ‘भगवान की भूमि’ माना जाता है। परशुराम में भगवान परशुराम का मंदिर चालुक्य वंश के सम्राट पुलकेशी द्वारा बनवाया गया था।

टांगीनाथ धाम

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि भगवान परशुराम ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यहीं तपस्या की थी। यह वह स्थान है जहां भगवान परशुराम ने अपना फरसा या परशु यानी फरसा जमीन में गाड़ा था।

श्री परशुराम स्वामी मंदिर

तिरुवनंतपुरम के तिरुवल्लम में श्री परशुराम स्वामी मंदिर योद्धा भगवान परशुराम को समर्पित है। यह 2000 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण भगवान विष्णु के एक परम भक्त विल्वमंगलम स्वामी ने करवाया था। यह स्थान विशेष रूप से उन भक्तों के लिए पसंदीदा है जो अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करते हैं।