उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक 62 वर्षीय महिला ने शनिवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। स्थानीय अदालत ने 2023 के एक हत्या के मामले में उसे और उसके बेटे व बेटी समेत चार अन्य को दोषी ठहराया था। मुकदमे के दौरान सभी पांचों ज़मानत पर बाहर थे।
गेंदाबाई नाम की महिला को पहले ललितपुर के एक अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया, बाद में झांसी रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई। शव का पोस्टमॉर्टम रविवार को झांसी में होना है।
ललितपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया, “अदालत द्वारा महिला और चार अन्य को दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद उसने आत्महत्या का प्रयास किया। उसकी हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया।” उन्होंने आगे बताया कि आत्महत्या के समय महिला पुलिस हिरासत में नहीं थी।
ललितपुर के अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी) संजीव लिथोरिया ने कहा, “अदालत ने सभी पांच आरोपियों को दोषी ठहराया था, और इससे पहले कि अदालत उन्हें हिरासत में लेने का निर्देश जारी कर पाती, महिला ने आत्महत्या कर ली।”
पुलिस ने बताया कि चार अन्य दोषियों गेंदाबाई के बेटे बबलू, बेटी आपी उर्फ अशर्फी और दो अन्य सुरेंद्र सिरोठिया और द्रोपाल को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है। अदालत संभवतः 10 दिसंबर को सजा सुनाएगी।
पुलिस के अनुसार, गेंदाबाई समेत सभी पांचों आरोपी शनिवार को अंतिम सुनवाई के लिए अदालत में पेश हुए। सुनवाई पूरी होने के बाद, अदालत ने गेंदाबाई और चार अन्य को दोषी ठहराया।
यह भी पढ़ें- ‘क्या यही मानदंड सीजेआई और मजदूरों के बच्चों पर भी लागू हो सकते हैं?’, क्रीमी लेयर के फैसले की आलोचना पर गवई ने पूछा
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मामला 17 सितंबर, 2023 का है, जब ललितपुर निवासी पार्वती ने छह लोगों पर प्रेम प्रसंग के चलते अपने 23 वर्षीय बेटे किशन की हत्या का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। घर लौटते समय किशन पर कथित तौर पर लाठियों से हमला किया गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जिसके बाद आरोपियों पर हत्या और संबंधित आरोप लगाए गए।
दोषी ठहराए गए पांचों लोगों के अलावा, पुलिस ने गेंदाबाई के पति नंदलाल पर भी मामला दर्ज किया था। सभी आरोपियों को एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। लगभग एक साल हिरासत में रहने के बाद उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया। एडीजीसी ने बताया कि हालांकि, नंदलाल की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई।
यह भी पढ़ें- राम जानकी मंदिर में निर्माण के खिलाफ याचिका खारिज, जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा?
