हाईकोर्ट ने पंजाब के डीजीपी और तीन आईएएस अधिकारियों पर अवमानना का मामला दर्ज किया, साथ ही उनके वेतन से कटौती का आदेश दिया।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने संशोधित वाहनों से संबंधित अपने आदेश का पालन न करने पर पुलिस महानिदेशक गौरव यादव समेत पंजाब के चार वरिष्ठ अधिकारियों पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
न्यायमूर्ति सुदीप्ति शर्मा ने निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि अधिकारियों के वेतन से 50,000 रुपये के बराबर हिस्से में वसूल की जाए और पंजाब के मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की जाए। जिन तीन अन्य अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी प्रदीप कुमार-सचिव, परिवहन विभाग, आईएएस अधिकारी मोनीश कुमार-राज्य परिवहन आयुक्त और संगरूर के उपायुक्त-आईएएस अधिकारी जितेंद्र जोरवाल शामिल हैं।
हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने पर पंजाब के अधिकारियों पर जुर्माना
उच्च न्यायालय ने यह निर्देश ‘शहीद भगत सिंह मिनी ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन पंजाब बनाम पंजाब राज्य एवं अन्य’ अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। यह याचिका अदालत के 2023 के आदेश का उल्लंघन करने के लिए दायर की गई थी जिसमें राज्य के अधिकारियों को सड़कों पर चलने वाले परिवर्तित वाहनों के खतरे को रोकने के लिए उचित और प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया गया था। अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों को अवसर दिए जाने के बावजूद, प्रतिवादियों द्वारा कोई व्यापक अनुपालन रिपोर्ट या हलफनामा दायर नहीं किया गया। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 नवंबर तय की है।
इससे पहले 2 सितंबर के अपने आदेश में, पीठ ने अधिकारियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इसे जमा करने के बजाय, उन्होंने दो अलग-अलग आवेदनों के माध्यम से आदेश में संशोधन और उसे वापस लेने की मांग की। अदालत ने जिन्हें निराधार बताकर खारिज कर दिया गया। अदालत ने कहा कि यह व्यवहार न्यायिक निर्देशों के प्रति लापरवाही और टालमटोल वाला रवैया दर्शाता है।
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भगवंत मान ने पंजाब पुलिस को किया आगाह
वहीं, दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को राज्य पुलिस बल को उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एच.एस. भुल्लर के कथित भ्रष्टाचार से जुड़े चल रहे मामले का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए आगाह किया। भुल्लर का नाम लिए बिना मान ने कहा कि पुलिस बल को अपना कर्तव्य ईमानदारी और लगन से निभाना चाहिए।
कार्यक्रम में बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसे लोग (काली भेड़ें) हर क्षेत्र में मौजूद हैं। भूखा व्यक्ति तृप्त हो सकता है लेकिन स्वभाव से लालची व्यक्ति कभी संतुष्ट नहीं हो सकता। आप थैलों में कितना भी पैसा इकट्ठा कर लें, इसका कोई अंत नहीं है। यह देवी लक्ष्मी को कैद करने जैसा है। जब आप ऐसा करते हैं तो आप भागकर कहाँ जा सकते हैं? जितने मर्जी इकट्ठे करलो पैसे, हीरे, मोती, मगर ख्याल रहे कफन में जेब नहीं होती। हमसे पहले जो लोग आये थे, वे चले गये।”
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(भाषा के इनपुट के साथ)
