मद्रास हाई कोर्ट ने रैलियों और जनसभाओं को लेकर सख्ती दिखाई है। अदालत ने कहा है कि अब हाईवे के पास बड़ी जनसभाएं नहीं होंगी। अदालत ने यह भी कहा है कि जहां भी रैलियां आयोजित की जाएं, वहां पीने का पानी, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं हर हाल में होनी चाहिए।

अदालत ने यह आदेश हाल ही में तमिलनाडु के करूर में तमिलगा वेत्री कषगम (TVK) के प्रमुख विजय की रैली में हुई भगदड़ से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया। मदुरै बेंच के जज एम. धंडापानी और एम. ज्योति रमण ने यह अंतरिम आदेश शुक्रवार को सुनाया।

हाई कोर्ट ने सीनियर आईपीएस अफसर असरा गर्ग की अध्यक्षता में भगदड़ की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है। 

जस्टिस सेंथिलकुमार ने कहा, “एक इंसान के रूप में मैं इन मौतों पर दुख व्यक्त करता हूं लेकिन एक जज के तौर पर इतनी मौतों को होते देखना दुख देने वाला है।” उन्होंने पूछा, “आपने क्या कार्रवाई की? आपने इसे होने दिया और अब कहते हैं कि सिर्फ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिम्मेदार कौन है? नेता विजय गायब हो गए… और लोगों की मदद के लिए कोई नहीं बचा।” 

जस्टिस सेंथिलकुमार ने कहा, “करूर भगदड़ मामले पर एफआईआर दर्ज होने के बाद आगे की कार्रवाई करने से आपको कौन रोक रहा है?” 

TVK प्रमुख विजय की रैली में भगदड़

जज ने राज्य की ओर से पेश हुए पब्लिक प्रॉसीक्यूटर हसन मोहम्मद जिन्ना से पूछा। भगदड़ में हुई मौतों को उन्होंने मानव-निर्मित हादसा बताया और कहा कि अदालत आंखें बंद करके नहीं बैठ सकती। 

भगदड़ में हुई थी 41 लोगों की मौत

विजय की रैली में 27 सितंबर को भगदड़ हुई थी। भगदड़ में 10 बच्चों सहित 41 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। विजय की पार्टी ने पीड़ितों के परिवारों के लिए 20 लाख रुपये और घायलों के लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी। इसके अलावा, तमिलनाडु सरकार ने भी मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की थी।

इसके साथ ही अदालत ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें इस हादसे की जांच CBI से कराए जाने की मांग की गई थी। बेंच ने कहा कि याचिका एक नेता ने दायर की है और पीड़ितों से उसका कोई संबंध नहीं है। बेंच ने यह भी कहा कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है। इसलिए अदालत को राजनीति का अखाड़ा बनाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।

सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका देसिया मक्कल सथी काची के नेता एमएल रवि ने दायर की थी।

दो हफ्ते में मांगा जवाब

भगदड़ की घटना के पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग वाली याचिकाओं पर अदालत ने तमिलनाडु सरकार और TVK को नोटिस जारी किया। दोनों को दो हफ्तों में जवाब देने को कहा गया है।

विजय के लेट होने से बढ़ी भीड़, लोगों के पास खाने और पानी की कमी थी- डीजीपी