Madhya Pradesh News: जस्टिस अतुल श्रीधरन का गुरुवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में विदाई समारोह था। इस दौरान बोलते हुए वो थोड़ा शायराना हो गए। मशहूर शायर राहत इंदौरी का शेर सुनाते हुए उन्होंने कहा, “ब्रह्मांड में एकमात्र स्थायी चीज अस्थायित्व है। जो आज साहिब-ए-मसनद है कल नहीं होंगे (जो आज सिंहासन पर बैठे हैं, कल नहीं होंगे), किराए पर हैं जाती मकान थोड़ी है (वे किराएदार हैं, यह उनका घर नहीं है)।”

जस्टिस श्रीधरन का सबसे हालिया तबादला 18 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में किया गया। उन्होंने कहा, “ट्रांसफर सेवा का एक हिस्सा है और मैं देश के सबसे बड़े हाई कोर्ट, इलाहाबाद हाई कोर्ट में सेवा करने के लिए उत्साहित और उत्सुक हूं।” विदाई समारोह में उन्होंने जबलपुर में अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और उनके साथी न्यायाधीशों के सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

मैं न्यायमूर्ति सचदेवा का आभारी हूं- जस्टिस श्रीधरन

जस्टिस श्रीधरन ने कहा, “मैं न्यायमूर्ति सचदेवा का आभारी हूं कि मैंने यहां शांतिपूर्ण समय बिताया। वे एक जन-न्यायाधीश की भावना के प्रतीक हैं, विद्वान होते हुए भी विनम्र, विनम्र होते हुए भी दृढ़, मिलनसार होते हुए भी दृढ़निश्चयी।” जस्टिस श्रीधरन ने अपने मार्गदर्शकों और उन वकीलों का भी आभार व्यक्त किया जिनके साथ उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में काम किया था।

ये भी पढ़ें: बिटिया की आंखों में आंसू देख बोलीं जस्टिस तारा- तुम रोओगी तो मैं भी….

उन्होंने कहा, “मैं एक न्यायाधीश के रूप में जो कुछ भी हूं, वह मेरे दो गुरुओं, श्री गोपाल सुब्रमण्यम और सत्येंद्र कुमार व्यास, और बार के आप सभी सज्जनों और देवियों की बदौलत हूं, जिन्होंने मुझे, हल्के-फुल्के अंदाज में कहें तो, अपनी क्षमता और योग्यता में विस्तार करने का अवसर दिया और जिन्होंने बेंच पर मेरी अजीबोगरीब आदतों और मेरे क्षणिक संतुलन की कमी को सहन किया। जब मैं कहता हूं कि बार बेंच का सबसे शक्तिशाली प्रहरी है, तो मेरे मन में कोई संदेह नहीं है और मैं आशा और प्रार्थना करता हूं कि मेरे मूल हाई कोर्ट में दोनों के बीच संबंध सौहार्द और उद्देश्य की एकरूपता की ऊंचाइयों को छुएं, क्योंकि यही हमारे समाज में संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण की सबसे बड़ी गारंटी होगी।”