Justice GR Swaminathan: इंडिया ब्लॉक के सांसद मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ के जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि उन्होंने सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि एक दरगाह के पास दीपदान (स्तंभ) पर दीप जलाया जाए ।
सीपीआई (एम) सु. वेंकटेशन ने कहा, “हम इंडिया ब्लॉक के सांसदों के हस्ताक्षर करवा रहे हैं और उन्हें कल (9 दिसंबर, 2025) संसद में पेश करेंगे।”
कैसे लाया जाता है महाभियोग?
बता दें, लोकसभा के 100 सांसदों या राज्यसभा के 50 सांसदों को हाई कोर्ट के किसी जज के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने होते हैं। यदि प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है, तो एक तीन-सदस्यीय समिति इसकी जांच करती है।
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इस जांच के बाद, दोनों सदनों को विशेष बहुमत (दो-तिहाई उपस्थित और मतदान करने वाले, साथ ही कुल सदस्यों के पूर्ण बहुमत) से निष्कासन प्रस्ताव पारित करना होता है। अंततः, राष्ट्रपति निष्कासन आदेश जारी करते हैं, हालांकि भारत में किसी भी न्यायाधीश पर सफलतापूर्वक महाभियोग नहीं चलाया गया है।
जस्टिस स्वामीनाथन कौन हैं?
जस्टिस स्वामीनाथन का जन्म 1968 में हुआ। वह तिरुवरुर के निवासी हैं। 1991 में वकील बन जाने के बाद उन्होंने 1997 में पुडुचेरी में वकालत की प्रैक्टिश शुरू की थी। 2004 में वह मद्रास हाई कोर्ट के मदुरै बेंच में प्रैक्टिस करने लगे। उन्हें 28 जून 2017 को मद्रास हाई कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया था। इसके बाद स्वामीनाथन को अप्रैल 2019 में मद्रास हाई कोर्ट का परमानेंट जज नियुक्त किया गया। वह 31 में 2030 को अपने पद से रिटायर होंगे। जस्टिस स्वामीनाथन ने तमिलनाडु में इंटरसेक्स शिशुओं और बच्चों पर गैर जरूरी मेडिकल हस्तक्षेपों पर प्रतिबंध लगा दिया था। उनके इस फैसले की काफी तारीफ हुई थी।
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