दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में आरोप तय करने के आदेश दिए हैं। तीस हजारी न्यायालय की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एकता गौबा मान ने शुक्रवार को कहा कि चूंकि पीड़िता एक सार्वजनिक हस्ती हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई बंद कमरे में होगी।
हमले के दोनों आरोपी राजेशभाई खिमजीभाई और तहसीन रजा रफीउल्लाह शेख ने खुद को निर्दोष बताया।
‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हुआ था हमला
रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त को सिविल लाइंस इलाके में स्थित उनके कैंप कार्यालय में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ था। मुख्यमंत्री के कार्यालय ने इस हमले को उनकी हत्या की सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया था।
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क्या है यह मामला?
गुजरात के राजकोट निवासी राजेशभाई खिमजीभाई (41) को गिरफ्तार कर हत्या के प्रयास समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया था। शेख पर खिमजीभाई के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पर हमले की साजिश रचने का आरोप है। अभियोजन के अनुसार, दोनों आरोपियों ने गुजरात के राजकोट में साजिश रची थी और तहसीन ने पूरे हमले की साजिश रचने के लिए खिमजीभाई के खाते में 2,000 रुपये ट्रांसफर किये थे।
दिल्ली पुलिस ने 18 अक्टूबर को दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास, लोक सेवक पर हमला करने और उसके कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालने तथा आपराधिक साजिश समेत विभिन्न अपराधों के तहत 400 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।
बंद कमरे में दर्ज की जाए गवाही
अदालत ने आदेश दिया कि जब भी रेखा गुप्ता को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाए तो उन्हें दोपहर 2 बजे बुलाया जाए और उनकी गवाही बंद कमरे में दर्ज की जाए। अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर अदालत ने निर्देश दिया कि एएसआई सुरेंद्र कुमार, नरेश जैन और रघुनांदन सिंह सहित कई गवाहों को सुनवाई की अगली तारीख पर पूछताछ के लिए बुलाया जाए।
इससे पहले, 20 दिसंबर को अदालत ने इस मामले में दो आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का आरोप तय करने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा था कि दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की उचित धाराओं के तहत दंडनीय अपराध के मामले बनते हैं।
